
भारतीय वैज्ञानिकों ने भारत का परचम और ऊंचा किया है और पूरी दुनिया भारत की ताकत का लोहा मान रही है
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
बुधवार सुबह अचानक इस खबर ने देशभर में हलचल पैदा कर दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12:00 बजे के आसपास कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। इसके बाद जहां दर्शक टीवी चैनलों के सामने चिपक गए , वहीं देशभर में कयास लगाने का दौर शुरू हो गया। लोग अपने अपने हिसाब से अंदाजा लगा रहे थे। किसी को लग रहा था कि प्रधानमंत्री, राहुल गांधी के 72 हजार वाली स्कीम के जवाब में कोई नई स्कीम पेश करेंगे। कोई एक और सर्जिकल स्ट्राइक होने का अंदेशा जता रहा था। किसी को लगा कि शायद पाकिस्तान में बैठे हाफिज सईद, अजहर मसूद या फिर दाऊद इब्राहिम जैसे किसी अपराधी को दबोचने में भारत को कामयाबी मिली है। इन्हीं तमाम अटकलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूरदर्शन पर अवतरित हुए और उन्होंने बताया कि कुछ ही समय पहले भारत ने अभूतपूर्व सिद्धि प्राप्त की है। भारत ने दुनिया में अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर अपना नाम दर्ज करा दिया है। जो ताकत अब तक अमेरिका ,रूस और चीन के पास ही उपलब्ध थी ,भारत के वैज्ञानिकों ने उसे हासिल करते हुए अंतरिक्ष में एक लाइव सैटलाइट को मार गिराया । भारत के वैज्ञानिकों ने भी अपने दम पर शानदार क्षमता विकसित की है। पहले लड़ाइयां तीर तलवारों से हुआ करती थी ।जो धीरे धीरे जो हवाई हमले और मिसाइल तक जा पहुंची। लेकिन नए दौर में अब हमले सेटेलाइट से होने वाले हैं। इसलिए एक कदम आगे बढ़ते हुए भारत ने अंतरिक्ष युद्ध में अपनी क्षमताओं को विकसित करना शुरू कर दिया है । जाहिर है आने वाले वर्षों में दुश्मन देश, अंतरिक्ष सैन्य करण की कोशिश करेंगे। इसलिए भारत का अभी से इस दिशा में मजबूत होना महत्वपूर्ण है। भारत वर्ल्ड लीडर बनने की ओर अग्रसर है। मिशन शक्ति को इसका एक उदाहरण माना जा सकता है। जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने पोखरण किया था, मिशन शक्ति को भी उसी दर्जे की उपलब्धि माना जा रहा है। जिन लोगों को छोटे-मोटे ऐलान इंतजार था उन्हें भले ही निराशा हाथ लगी हो लेकिन जानकार मानते हैं कि यह आने वाले भविष्य के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। भारत ने एलईओ में एक लाइव सेटेलाइट को मार गिराया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत इस तकनीक का इस्तेमाल शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए करेगा ना कि किसी देश को हानी पहुंचाने के लिए। उन्होंने इसे सुरक्षित राष्ट्र की निशानी बताया ।एंटी सैटेलाइट वेपन, ए -सैट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। 300 किलोमीटर दूर स्थित सेटेलाइट को मार गिराने का यह मिशन शक्ति अभियान केवल 3 मिनट चला। प्रधानमंत्री के किसी एलान की खबर से लोग भी बेहद उत्सुक थे और सभी टीवी के सामने जमे इस घोषणा को जानना चाहते थे। इस घोषणा के बाद जानकारों ने इसे देश के लिए महान उपलब्धि बताया है।
भारत के लिए यह बेहद गर्व का पल है। भारतीय वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर लो अर्थ आर्बिट में एक लाइव सैटलाइट को मार गिराया है।यह एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य था उसे एक एंटी सैटेलाइट मिसाइल से मार गिराया गया। इस पूरे अभियान को मिशन शक्ति का नाम दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए एक तरफ जहां मिशन में जुटे वैज्ञानिक को बधाई दी ,वहीं पूरे देश को भी बधाई देते हुए बताया कि यह हम सबके लिए गर्वित होने का पल है। इससे पहले लोगों की उत्सुकता उस वक्त बढ़ गई जब प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट करते हुए बताया कि आज सवेरे लगभग 11:45 से 12:00 के बीच एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर वे आएंगे। हालांकि चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने की वजह से वे ऐसी कोई बड़ी घोषणा नहीं कर सकते थे, फिर भी लोग अपने अपने हिसाब से कयास लगा रहे थे । लोग उनकी इस घोषणा को सुनने को लेकर बेहद बेताब थे । सोशल मीडिया पर भी यही मुद्दा ट्रेंड करता दिखा। आम लोगों को भले ही यह उपलब्धि बहुत बड़ी ना लग रही हो ,लेकिन जानकार मानते हैं कि भारतीय वैज्ञानिकों ने भारत का परचम और ऊंचा किया है और पूरी दुनिया भारत की ताकत का लोहा मान रही है।