
यात्री को खुद ही अपने सामानों की रक्षा करने कह देना चाहिए क्योंकि चोरी की रोकथाम करना आरपीएफ़ के बस की बात नही
बिलासपुर आलोक अग्रवाल
बिलासपुर हावड़ा रेल मार्ग पर पड़ने वाले राउरकेला से झारसुगड़ा पर पिछले कुछ दिनों से चोरी की घटनाएं बढ़ गई है। लगातार हो रही चोरी से यात्रियों में सुराक्षित यात्रा को लेकर भय की स्थिति है। वही आरपीएफ़ की स्काउटिंग टीम ट्रेनों में गश्त के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है। अगर आरपीएफ़ अपने कार्य के प्रति गंभीर होती तो चोरी की घटना से यात्री परेशान नही होते। गुरुवार को भी ट्रेन में यात्री चोरी की घटना का शिकार हुए।राउरकेला निवासी राहुल झा किसी कार्य से अपनी पत्नी के साथ शालीमार एलटीटी कुर्ला एक्सप्रेस के एस सेवन स्लीपर कोच में टाटानगर से बिलासपुर के बीच सफर कर रहे थे। इए बीच राउरकेला से झारसुगड़ा के बीच उनकी नींद पड़ी और किसी अज्ञात व्यक्ति ने राहुल की पत्नी का पर्स पर कर दिया। पर्स में दस हज़ार रुपये नगद,सोने के गहने,डायमंड की अंगूठी,सोने की अंगूठी सहित तीन मोबाइल मौजूद थे। चोरी गए सामानों की कुल कीमत एक लाख अड़तीस हज़ार पांच सौ रुपये बताई जा रही है।
वही जीआरपी ने प्रार्थी की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर डायरी झारसुगड़ा जीआरपी को भेजवा दिया है।ट्रेनों में चोरी को रोकने के लिए रेलवे के द्वारा आरपीएफ़ की स्काउटिंग टीम हर ट्रैन में लगाई जाती है। खासकर रात्रिकालीन ट्रेनों में तो जवानों की ड्यूटी रहती ही है। ऐसे में आपराधिक तत्वों का चोरी की घटना को अंजाम दिया जाना समझ से परे है। यह फिर इसमें किसी खेल आए भी इंकार नही किया जा सकता। क्योंकि एक सप्ताह में दो बड़ी चोरी होने के बाद भी आरपीएफ़ के द्वारा किसी तरह मि मुहिम नही चलाया जाना संदेह को उत्पन्न करता है।। लेकिन अब उस बेचारे यात्री का क्या जिनका समान चोरी होने के बाद केवल रिपोर्ट लिखकर खानापूर्ति कर ली गई। अगर यात्री को इसी तरह चोरी का शिकार होना है तो फिर रेलवे को आरपीएफ़ की स्काउटिंग टीम को हटा देना चाहिए ।और यात्री को खुद ही अपने सामानों की रक्षा करने कह देना चाहिए क्योंकि चोरी की रोकथाम करना आरपीएफ़ के बस की बात नही।