बिलासपुर

अमानत में खयानत का मामला :- फर्जीवाड़ा कर अपनी ही कंपनी को 1 करोड़ 4 लाख का चूना लगाने वाला आरोपी पकड़ाया, फर्जीवाड़ा में शामिल उसके दो खरीददार साथी भी गिरफ्तार

रमेश राजपूत

बिलासपुर – पुलिस ने अमानत में खयानत के एक मामले में फरार आरोपी को गिरफ्तार किया है साथ इस फर्जीवाड़े में शामील 2 खरीददारों को भी गिरफ्तार किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार 1 करोड़ 4 लाख रुपए गबन के मामले में सरकंडा पुलिस ने मास्टरमाइंड सहित दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मेडस्मार्ट लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के बिलासपुर एरिया मैनेजर ने बिलासपुर सर्जिकल आइटम के सामान को रायपुर के आरोपियों के पास बेच दिया था। यह गड़बड़झाला कोरोना काल में 2019 के दौरान हुआ।

उस दौरान ऑडिट नहीं होने के कारण यह मामला उजागर नहीं हो पाया था। मेडस्मार्ट लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का व्यवसाय सर्जिकल कार्यों में उपयोग में लाए जाने वाले सामान जैसे ग्लोब्स, मास्क, आईवी फ्लुएड, कॉटन, सिरिंज,निडिल आदि को सीधे उत्पादक एवं अधिकृत वितरक से खरीदकर विभिन्न अस्पतालों में सप्लाई करना है। इस कंपनी का दफ्तर राजकिशोर नगर में है और गोदाम अमोला विला कॉलोनी सीपत में स्थित है। कंपनी का अनुबंध बिलासपुर स्थित अपोलो अस्पताल और अपोलो फार्मेसी से भी है। कंपनी के बिलासपुर स्थित ऑफिस में 5 कर्मचारी कार्य करते हैं, जिसका एजिक्यूटिव लोकेश्वर सिंह है जो कंपनी के द्वारा लाये गए सामानों को सप्लाई करने का काम करता है, जिसमे उसका पूरा नियंत्रण होता है।

पता चला कि वर्ष 2019 में कोरोना काल के दौरान अपोलो हॉस्पिटल को खरीददार बताकर उसके नाम से बिल बनाकर इसने खुले बाजार में सर्जिकल आइटम्स की बिक्री की तथा प्राप्त रकम का निजी उपयोग करने लगा। उक्त सामान के बिल के बदले वह अन्य सामान की एंट्री कर देता था, जिस कारण लेखा पुस्तकों में उस की कारगुजारी उजागर नहीं हो पाई । लोकेश्वर सिंह फर्जी रसीद बनाकर और कंपनी के कार्य में गड़बड़ी कर कंपनी को लगातार आर्थिक क्षति पहुंचाता रहा। साल 2019-20 में ऑडिट नहीं होने के कारण वह इसका फायदा उठाता रहा, लेकिन जब 2020-21 और 21- 22 में कंपनी का ऑडिट हुआ तो फिर उसकी कारगुजारी उजागर हो गई । पता चला कि कंपनी को उसने एक करोड़ 4 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाया है। जिसके बाद कंपनी की ओर से जे राम कुमार ने सरकंडा थाने में मामला दर्ज कराया।

पुलिस ने जांच के बाद आरोपों को सही पाया। लेकिन इस बीच लोकेश गायब हो गया था । आरोपी लोकेश सिंह को पुलिस ढूंढ रही और वह कोरबा, जांजगीर आदि क्षेत्र में छुपता फिर रहा था। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी सीपत थाना क्षेत्र में मौजूद है, जिसके बाद एक टीम ने घेराबंदी कर लोकेश्वर सिंह को सीपत के ग्राम पिपरा से गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने बताया कि कंपनी के सामान को वह रायपुर निवासी दीपक दानवानी और हरीश दानवाणी के पास बेच देता था और उससे मिली रकम का वह निजी जरूरतों के लिए उपयोग कर रहा था। इसी रकम से खरीदे गए सामान को भी पुलिस ने जप्त किया है , जिसमें मोटरसाइकिल , लैपटॉप जमीन आदि शामिल है ।पुलिस ने देवरीखुर्द निवासी लोकेश्वर सिंह के साथ सहआरोपी रायपुर के दीपक दानवानी और हरीश दानवानी को भी भिलाई और रायपुर से गिरफ्तार किया।

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