
आकाश
पहले तो कुछ शिक्षिकाओं ने मिलकर छात्रा को का चरित्र हनन करते हुए उसे प्रताड़ित किया और जब उसने प्रताड़ना से तंग होकर खुदकुशी की तो उस पर बयान बदलने को दबाव भी बनाया ।अब मामले ने करवट ली है और छात्रा ने आरोपी शिक्षिकाओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की है, जिससे जिला प्रशासन भी हिल गया है । घटना शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला दशरंगपुर की है, जहां पास ही रहने वाली ग्राम ढोठमा की रहने वाली 17 वर्षीय छात्रा दुर्गेश्वरी साहू ने 12 फरवरी को खुद पर मिट्टी तेल डालकर अग्नि स्नान कर लिया था। उस दौरान पुलिस बयान में छात्रा ने कहा था कि घर में चाय बनाने के दौरान वह आग की चपेट में आ गई। गंभीर रूप से झुलस चुकी छात्रा का मुंगेली और बिलासपुर में महीनों इलाज चला ।इलाज में दस लाख रुपए से अधिक खर्च आए और पिता की जमा पूंजी के साथ खेत भी बिक गए । अब भी छात्रा भले ही पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हो पर उसका चेहरा छोड़कर बाकी जिस्म बुरी तरह झुलसा हुआ है और एक प्रकार से उसकी जिंदगी तबाह हो चुकी है, लेकिन अब हिम्मत बटोर कर दुर्गेश्वरी साहू ने टीचर्स का नाम उजागर कर दिया है जिनकी प्रताड़ना से तंग होकर उसने यह कदम उठाया था। घटना 12 फरवरी के आसपास की है कहते हैं।एक दिन दुर्गेश्वरी स्कूल नहीं गई तो दूसरे दिन उसे अपने पिता के साथ स्कूल आने को कहा गया। दुर्गेश्वरी साहू अपने पिता लेख राम साहू को लेकर स्कूल पहुंची तो वहां उसे स्टाफ रूम में ले जाया गया, जहां अंजू सिंह राजपूत , चंद्र प्रभा पांडे, अनुसुइया बाघले और रेखा बारामते मौजूद थी। जिन्होंने दुर्गेश्वरी के पिता के सामने ही उस पर लांछन लगाना शुरू कर दिया। दुर्गेश्वरी के चरित्र पर गंभीर आरोपो की इन्होंने बौछार कर दी और जम कर उसका चरित्र हनन किया। स्कूल से गायब रहने , लड़कों के साथ घूमने जैसी ,ऐसी बातें कही गई जिसे एक पिता के सामने सुनना बेटी के लिए ना काबिले बर्दाश्त था। यह सब सुनकर दुर्गेश्वरी के पिता के आंसू बहने लगे और दुर्गेश्वरी भी शर्मसार हुई। इसके बाद पिता और पुत्री अलग-अलग लौटे और रास्ते में ही दुर्गेश्वरी ने खुद पर मिट्टी तेल डालकर आग लगा ली। दुर्गेश्वरी के इस कदम के बाद आरोपी चारों शिक्षिकाओं ने उस पर तरह तरह से दबाव बनाएं जिस कारण उसने उनके खिलाफ बयान ना देकर मनगढ़ंत कहानी सुना दी, लेकिन अब पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद पीड़ित दुर्गेश्वरी साहू ने उसे प्रताड़ित करने वाली चारों शिक्षिकाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को दुर्गेश्वरी सीधा कलेक्ट्रेट पहुंच गई और अपनी आपबीती सुनाई। हालांकि वहां कलेक्टर तो मौजूद नहीं थे, लेकिन अधिकारियों ने दुर्गेश्वरी को एसपी के पास जाने की सलाह दी और सभी दोषी शिक्षिकाओं के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की बात कही। मामले को जिला प्रशासन और एडिशनल एसपी सी डी तिर्की ने भी गंभीरता से लिया है और जाहिर है अब स्टाफ रूम में छात्रा के खिलाफ आग उगलने वाली अंजू सिंह राजपूत, चंद्र प्रभा पांडे, अनुसुइया बाघले और रेखा बारामते के बुरे दिन शुरू होने वाले हैं। अनुशासन के नाम पर चारों शिक्षिकाओं ने अपनी सीमा का अतिक्रमण किया और छात्रा को जिस तरह उसके पिता के सामने जलील किया उसी के चलते उसने यह जानलेवा कदम उठाया। किस्मत से भले ही दुर्गेश्वरी की जिंदगी बच गई लेकिन वर्तमान में उसकी हालत सामान्य नहीं कही जा सकती और आजीवन उसे परेशानी उठानी पड़ेगी। वही चारों दोषी शिक्षिकाओं की वजह से दुर्गेश्वरी के पिता लेख राम साहू आर्थिक रूप से टूट चुके हैं ।लिहाजा अब आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाली चारों शिक्षिका के खिलाफ पुलिस में एफ आई आर दर्ज की जा रही है और इसी के साथ मामले में कार्यवाही की उम्मीद की जा रही है। सत्याग्रह डॉट इन के साथ बातचीत में 17 वर्षीय 12वीं कक्षा की छात्रा दुर्गेश्वरी साहू ने कहा कि वह अंत तक यह लड़ाई लड़कर दोषी शिक्षिकाओं को उनके किए की सजा जरूर दिलाएगी ताकि भविष्य में कोई भी टीचिंग स्टाफ इस तरह का कदम ना उठाएं । यह मामला अब तूल पकड़ने लगा है जिस में आने वाले दिनों में नए मोड़ आने की संभावना भी है।