उदय सिंह
जो काम पश्चिम बंगाल में वामपंथी और ममता बनर्जी ने किया ,वही काम छत्तीसगढ़ में अब अमित जोगी करते नजर आ रहे हैं । एक तरफ उनकी पार्टी रोजगार नहीं उपलब्ध होने का रोना रोती है, वही कम्युनिस्ट विचारधारा के तहत उद्योगों का विरोध करती है। मस्तूरी विकासखंड के बोहारडीह में प्रस्तावित एसीसी सीमेंट के लाइमस्टोन खनन मामले में पर्यावरण पर प्रभाव रिपोर्ट
पर शुक्रवार को जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। जहां पहुंचे एसीसी कंपनी के अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी आम लोगों की राय लेना चाह रहे थे, लेकिन इसी बीच छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अमित जोगी अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए और उनके समर्थकों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया । प्लांट का विरोध करते जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी ने कई मुद्दे गिनाए। उन्होंने कहा कि कंपनी की नियत सही नहीं है, तभी तो व्यापक प्रचार-प्रसार के नाम पर दिल्ली के एक अंग्रेजी अखबार में विज्ञापन छपाए जा रहे हैं।
क्योंकि उन्हें मालूम है, यहां अंग्रेजी पढ़ने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों से बेहतर तालमेल बनाने अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ी में बात की। उन्होंने कहा कि करीब 300 पन्ने का पर्यावरण प्रभाव रिपोर्ट अंग्रेजी में तैयार की गई है ताकि अधिकांश लोग उसे समझ ही ना सके । अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा के बाहरी लोगों द्वारा दोहन का आरोप लगाते हुए कंपनी को आड़े हाथों लिया । एसीसी सीमेंट प्लांट और लाइमस्टोन खनन के लिए मस्तूरी के बोहारडीह, टांगर, गोड़ाडीह और भुरकुंडा के लोग अपनी बातें रखने आए थे, लेकिन वे भी बाद में अमित जोगी के ही सुर में सुर मिलाते नजर आए ।अमित जोगी ने यहां प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भी भड़ास निकाली और भोले-भाले ग्रामीणों को ठगने का आरोप लगाया ।उन्होंने कहा कि कंपनी की रिपोर्ट में कहीं भी रोजगार उपलब्ध कराने का जिक्र नहीं है ।अमित जोगी ने यह भी जानकारी दी कि हां यहाँ 5000 एकड़ जमील से 39 लाख टन चुना पत्थर निकाला जाएगा इसके लिए किस दर पर जमीन ली जाएगी इसका भी रिपोर्ट में उल्लेख नहीं है। फैक्ट्री के लिए बड़े पैमाने पर पानी की जरूरत होगी जबकि क्षेत्र में भीषण पेयजल संकट है ।
उसके बावजूद कुरांग बैंक नहर, लीलागर नदी और शिवनाथ के अलावा कई नाले और तालाबों का पानी भी प्लांट इस्तेमाल करेगा । इससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित होने का भी उन्होंने आरोप लगाया। अमित जोगी ने परदेसिया और छत्तीसगढ़िया के मुद्दे को उठाकर अंतर पैदा करने की कोशिश की अमित जोगी की मौजूदगी में उनके समर्थक और ग्रामीण भड़क गए और उन्होंने हंगामा मचाना शुरू कर दिया सभा स्थल पर मौजूद कुर्सियों को तोड़ा गया और फूड पैकेट लूट लिए गए। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करने की कोशिश की लेकिन भीड़ के आगे वह भी बेबस नजर आए वहीं मंच से अधिकारी पूरा तमाशा चुपचाप खड़े देखते रहे कुल मिलाकर यह जनसुनवाई हंगामे की भेंट चढ़ गया और जनसुनवाई को बीच में ही रोकना पड़ा कंपनी और ग्रामीणों के बीच जो भी गतिरोध है उसके जनसुनवाई में निराकरण होने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन जिस तरह राजनीति की रोटी सेकने एन समय पर अमित जोगी पहुंच गए उससे मामला बनने की बजाय और बिगड़ गयी।