भुवनेश्वर बंजारे
छत्तीसगढ़ – सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के बीएड डिग्री धारकों को अस्थायी राहत प्रदान की है। शीर्ष अदालत ने हाल ही में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें बीएड उम्मीदवारों को सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से बाहर रखा गया था। इस प्रकार बीएड उम्मीदवारों को सहायक भर्ती परीक्षा में शामिल होने की अनुमति होगी। मामले में जस्टिस एएस. बोपन्ना व जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र की डिवीजन बेंच ने हाई कोर्ट के निर्णय पर रोक लगाने के साथ ही बीएड प्रशिक्षार्थियों को सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए पात्र मानते हुए राज्य शासन को प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि हरिशंकर व अन्य ने अपने वकील के जरिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। दायर विशेष अवकाश याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा कि बीएड प्रशिक्षार्थियों को सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने और चयन का अधिकार है। पात्रता के आधार पर चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाना है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बीएड प्रशिक्षार्थियों को बाहर कर दिया है। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच में हुई। डिवीजन बेंच ने कहा कि एसएलपी दाखिल करने की अनुमति दी गई है।
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने यह मुद्दा उठाया था।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने बीएड प्रशिक्षार्थियों को सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा से अलग रखने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं ने यह मुद्दा उठाया था कि प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों को अध्ययन-अध्यापन के लिए डीएड प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षित किया जाता था। उच्च कक्षाओं के लिए बीएड प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। लिहाजा बीएड प्रशिक्षार्थी को सहायक शिक्षक के पद पर भर्ती करने से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बीएड प्रशिक्षार्थियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।