रमेश राजपूत
रायपुर – चर्चित पीएससी घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने तत्कालीन पीएससी चेयरमैन, सचिव सहित अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। ग़ौरतलब है कि भाजपा सरकार ने मामले में सीबीआई जांच कराए जाने की बात कही थी और न्याय दिलाने की घोषणा की थी, जिसमें यह बड़ी कार्रवाई हुई है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन गृह ( पुलिस ) विभाग के द्वारा महानिदेशक राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों एवं एन्टी करप्शन ब्यूरों रायपुर को अपने पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि , छ ग राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा वर्ष 2021 जो 170 पदों के लिए ली गई थी , जिसके परिणाम दिनांक 11.05.2021 को जारी किए जाने के पश्चात् राज्य लोकसेवा आयोग पर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ननकीराम कंवर व अन्य माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई थी , जिसकी जॉच राज्य शासन द्वारा केन्द्रीय जॉच ऐजेंसी सी.बी.आई. से कराये जाने का निर्णय लिया गया था , जिसके परिपालन में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण द्वारा उक्त विषय पर अपराध धारा 420 , 120 बी भा.द.वि. एवं धारा- 07 , 7 ( क ) एवं धारा -12 प्र . नि . अधि . के तहत् पंजीबद्ध किया गया है , उक्त पत्र के आधार पर प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि टामन सिंह सोनवानी , तत्कालीन , अध्यक्ष छ ग लोकसेवा आयोग , जीवन किशोर ध्रुव , तत्कालीन सचिव छ ग लोकसेवा आयोग , तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक , छ ग लोकसेवा आयोग एवं शासन तथा आयोग में तत्समय पदस्थ संलिप्त लोकसेवकगण और संबंधित राजनेता एवं अन्य के द्वारा , अपने – अपने पद का दुरुपयोग करते हुए तथा राजनैतिक प्रभाव का स्तेमाल करते हुए छ.ग. लोकसेवा आयोग की चयन प्रक्रिया वर्ष 2020 एवं 2021 तथा असिस्टेंट प्रोफेसर चयन परीक्षा में नियम विरूद्ध तरीके से , अपराधिक षड़यंत्र करते हुये अपने पुत्र , पुत्री व रिश्तेदारों को , कई पात्र योग्य अभ्यार्थियों के बदले इनका चयन शासकीय पदो पर करते हुये शासन एवं उन योग्य अभ्यार्थियों के साथ भ्रष्ट आचरण करते हुये छल कारित किया गया है , जो की धारा 120 बी , 420 , भादवि एवं धारा 7 , 7 ( क ) , एवं 12 प्र. नि. अ. 1998 यथा संशो. 2018 के तहत अपराध कारित किया जाना पाया गया , अतः अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।