
रमेश राजपूत
बिलासपुर- सरकंडा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के अमूल्य सहयोग से एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में धान की जैविक खेती तथा उसके व्यापार से जुड़े विषयों पर अहम चर्चा हुई। लगभग 50 किसान इस वर्कशॉप में उपस्थित रहे तथा जैविक खेती से जुड़े अपने बहुमूल्य अनुभव साझा किए। कृषि विज्ञान केंद्र के पीसी इंजीनियर राजेन्द्र स्वर्णकार, शिल्पा कौशिक और अन्य वैज्ञानिको ने किसानों को फसल,फल, सब्जी और जीरा फूल जैसे धान की जैविक खेती के महत्त्व से अवगत कराया तथा आय वृद्धि के लिए इसके फ़ायदे भी बताए। वर्कशॉप के बाद किसानों ने वर्मी कम्पोस्ट यूनिट का भी दौरा किया। यह यूनिट समूह की महिलाओं द्वारा चलाई जाती है जिसे कृषि विज्ञान केंद्र से तकनीकी से परिचालन संबंधी समर्थन मिलता है,कृषि विज्ञान केंद्र के पीसी ने जानकारी दी कि नजदीकी गाँवों में जिस स्तर का कृषि विकास किया गया है वह निश्चित ही सराहनीय है। इस बदलाव एवं निर्माण की कहानी ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचनी चाहिए ताकि ज़िले एवं राज्य स्तर के किसान इस विकास से प्रेरणा ले सकें। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केवीके ने एक प्रेरणादायी क़दम उठाया है। वर्कशॉप में किसानों ने जैविक खेती शुरू करने के लिए अपना उत्साह एवं गंभीरता दिखाई। वही महिलाओं एवं ग्रामीण किसानों के सहयोग से इस वर्कशॉप का सफ़ल आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ अमित शुक्ला, शिल्पा कौशिक समेत अन्य वैज्ञानिक मौजूद रहे जिन्होंने जैविक खेती करने की सलाह दी और किसानों को जागरूक किया।