
रमेश राजपूत
बिलासपुर – न्यायधानी अभी एक 3 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म और मौत के दर्द से उबर नही पाई है कि फिर एक 5 साल की मासूम से दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है, जिसमें पुलिस ने 2 नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लेकर अभिरक्षा में भेज दिया है। मिली जानकारी के अनुसार मामला कोनी थाना क्षेत्र का है जहाँ 5 वर्ष की मासूम के परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई की उनकी बच्ची को 2 नाबालिग आरोपियों ने कुछ खिलाने का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया है, जब बच्ची अपने घर पहुँची तो उसने अपने साथ हुई गंदे काम की जानकारी परिजनों को दी, जिसके बाद परिजनों ने थाने पहुँचकर इसकी शिकायत दर्ज कराई, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस तत्काल जांच में जुट गई और आरोपी 2 नाबालिगों को अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ में जुट गई, जिन्होंने पुलिस को बताया कि उन्होंने इस दुष्कृत्य को अंजाम दिया है, जिसके बाद पुलिस ने दोनों विधि से संघर्षरत बालको को अभिरक्षा मे लेकर, किशोर न्याय बोर्ड बिलासपुर में पेश कर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया है ।

उपरोक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी कोनी निरीक्षक गोपाल सतपथी, सउनि सुरेन्द्र तिवारी,आरक्षक अंकित जायसवाल, राकेश साहू, दुर्गेश यादव, महिला आरक्षक शारदा कतलम का सराहनीय योगदान रहा।
समाज में संस्कारों का पतन बन रही दुष्कृत्यों की वजह..
एक समय में परिजनों का पूरा नियंत्रण अपने बच्चों पर रहता था, जो बच्चों की पूरी हरकतों पर नजर रखते थे और उन्हें अच्छे और बुरे का मतलब समझाते थे, साथ ही रिश्तों की एहमियत से भी वाकिफ़ कराते थे, लेकिन समय के साथ आधुनिकता की अंधी दौड़ ने सब को किनारे कर दिया है, आज सभी के हाथों में मोबाईल है लेकिन यह मोबाइल आपके बच्चों को क्या परोस रही है, उसकी मानसिक स्थिति कैसी है इस पर परिजनों का ध्यान नही है, जिसकी ही परिणीति है कि समाज में लगातार ऐसे दुष्कृत्य सामने आ रहे है, जिसके बाद अब परिजनों की खासकर माता पिता की नैतिक जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वह अपने बच्चों की परवरिश कैसे कर रहे है।