डेस्क
रतनपुर थाना क्षेत्र के मोतीपुर वार्ड नंबर 9 में रहने वाले रामायण प्रधान की बेटी विजयलक्ष्मी 14 मई से लापता है। विजयलक्ष्मी कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा है । परिवार का आरोप है कि उनकी बेटी को अंतिम बार सचिन बरगाह के साथ देखा गया था, जिसके संबंध में लोग कहते हैं कि वह लड़कियों को बहला-फुसलाकर बाहर शहर ले जाकर बेच देता है। परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि इस काम में दिनेश बरगाह और ज्योति गुप्ता ने उसकी मदद की है। पिता का दावा है कि इस संबंध में उनके पास कॉल रिकॉर्डिंग भी मौजूद है, जिसमें यह लोग उसकी बेटी को भगा ले जाने की बात कह रहे हैं। पिता का आरोप यह भी है कि उसकी बेटी को बंधक बनाकर उससे गलत काम कराया जा रहा है या फिर उसे जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल दिया गया है।
पिता बता रहे हैं कि उनकी बेटी विजयलक्ष्मी के पास मौजूद मोबाइल भी उसके गायब होने के बाद से बंद बता रहा है। हालांकि इस बीच एक अन्य मोबाइल नंबर से उनके पास फोन आया था कि वे अपनी बेटी से बात करने की कोशिश ना करें। इस संबंध में उन्हें धमकी भी दी गई थी। फोन करने वाले ने खुद को सीहोर का निवासी बताया था। इसलिए रामायण प्रधान को आशंका है कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग की चपेट में उनकी बेटी आकर किसी मुसीबत में है और अनहोनी की आशंका के साथ उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है ,लेकिन पुलिस इस मामले में कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रही।
एक आदिवासी नाबालिग छात्रा महीनों से गायब है और पुलिस इस मामले को लापरवाही पूर्वक हैंडल कर रही है, जिसे लेकर पिता का आक्रोश पनप रहा है और उन्होंने इस संबंध में राज्यपाल से लेकर राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग और राज्य मानव अधिकार आयोग से भी शिकायत दर्ज की है। इसके बावजूद पुलिस की कार्यशैली में कोई खास बदलाव नहीं आया है। बताया जा रहा है कि 14 मई की सुबह विजयलक्ष्मी स्कॉलरशिप निकलवाने बैंक जाने की बात कहकर घर से निकली थी, जिसके बाद से उसका कुछ पता नहीं चला। घटना को 40 दिन बीत जाने के बाद भी रतनपुर पुलिस युवती की पतासाजी करने में नाकाम है और इसे लेकर कुछ गंभीर भी नजर नहीं आ रही।