रमेश राजपूत
रायपुर – प्रदेश में शासकीय सेवा में रहने वाले भ्रष्ट और रिश्वतखोरों पर एंटी करप्शन ब्यूरो लगातार कार्रवाई कर रही है एक बार फिर राजश्व विभाग में एक नायब तहसीलदार को 50 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया है, इसी तरह राजधानी के महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराने के एवज में महिला टीआई द्वारा 35 हजार रुपए की पहली किस्त 20 हजार रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया है।
पहला मामला….
प्रार्थी प्रीती बंजारे निवासी मोवा रायपुर द्वारा एण्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर मे शिकायत प्रस्तुत किया गया था कि उसके द्वारा महिला थाना रायपुर मे उसके पति एवं ससुराल वालो के खिलाफ दहेज के लिए मारपीट एवं प्रताड़ित करने की शिकायत की गयी है जिस पर उसकी काउंसिलिंग करायी गयी थी परन्तु काउंसिलिंग पश्चात महिला थाना प्रभारी निरीक्षक वेदवती दरियो द्वारा प्रथम सूचना दर्ज करने हेतु 35000 रूपये रिश्वती रकम की मांग कि गयी थी प्रार्थिया रिश्वत नहीं देना चाहती थी बल्की उसको रंगे हाथो पकड़वाना चाहती थी । प्रार्थिया द्वारा प्रस्तुत शिकायत के सत्यापन पश्चात 05.07.2024 को ट्रेप आयोजित कर आरोपिया निरीक्षक वेदवती दरियो द्वारा पुरे दिन प्रार्थीया को इंतजार कराने के पश्चात शाम को प्रथम किश्त के रूप मे 20000 रूपये लेते हुए रंगे हाथो पकड़ा गया । उल्लेखनीय है कि उक्त महिला थाना प्रभारी के प्रति आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओ मे आक्रोश था और संगठित होकर एसीबी कार्यालय मे उपस्थित हुए थे।
दूसरा मामला….
प्रार्थी दिलिप पुरी ग्राम घेरियापढ़ी जिला धमतरी का निवासी है , जिसने एण्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर मे शिकायत कि थी की वह विगत 40 वर्षो से 0.3 हेक्टेयर जमीन पर निवासरत है उक्त जमीन के मालिकाना हक प्राप्त करने हेतु प्रतिपरीक्षण के दौरान नायब तहसीलदार क्षीरसागर बघेल द्वारा उसके पक्ष में आदेश करने के ऐवज मे 01 लाख रूपये की रिश्वत की मांग कि गयी थी प्रार्थी रिश्वत नही देना चाहता था बल्कि आरोपी नायब तहसीलदार को रंगे हाथो पकड़वाना चाहता था प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत शिकायत का सत्यापन पश्चात 05.07.2024 को ट्रेप आयोजित कर प्रार्थी से प्रथम किश्त के रूप में 50,000 रूपये रिश्वत लेते हुए नायब तहसीलदार क्षीरसागर बघेल को रंगे हाथो पकड़ा गया । उल्लेखनीय है कि उक्त नायब तहसीलदार के प्रति ग्रामवासियों में आक्रोश था तथा उसे पकड़वाने हेतु एसीबी कार्यालय में भारी संख्या मे ग्रामवासी उपस्थित हुए थे । उपरोक्त दोनो प्रकरण के आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध धारा 07 पीसी एक्ट 1988 के प्रावधान के तहत कार्यवाही की जा रही है ।