
दिव्यांग प्रोत्साहन राशि योजना के तहत दो जोड़े हितग्राहियों को 1-1 लाख रूपये एवं छः जोड़े हितग्राहियों को 50-50 हजार रूपये की राशि प्रदान की गई
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
“दिव्यांगों का जीवन संवारने के लिये शासन द्वारा हर संभव सहयोग किया जा रहा है। ऐसी योजनायें बनाई जा रही है। जिससे उनके व्यक्तित्व का विकास हो और वे समाज के मुख्य धारा से जुड़कर आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सके।” महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया ने बिलासपुर में सामर्थ्य विकास योजना के तहत दिव्यांगों को सहायक उपकरण और विवाह प्रोत्साहन राशि प्रदान करते हुए यह बातें कही।
स्वयं केन्द्र शासकीय आश्रयदत्त कर्मशाला तिलक नगर बिलासपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में दृष्टिबाधित दिव्यांगों को शैक्षणिक कार्य हेतु टेबलेट स्मार्टफोन, जिला खनिज न्यास निधि से 75 मोटराईज्ड सायकल, जिला पुनर्वास केन्द्र से 25 ट्राईसायकल, बैसाखी, श्रवण यंत्र, स्मार्ट केन, क्षितिज अपार योजना के तहत वितरित किया गया। दिव्यांग प्रोत्साहन राशि योजना के तहत दो जोड़े हितग्राहियों को 1-1 लाख रूपये एवं छः जोड़े हितग्राहियों को 50-50 हजार रूपये की राशि प्रदान की गई।
एसईसीएल द्वारा सीएसआर मद से आश्रयदत्त कर्मशाला तिफरा स्थित परिसर में दिव्यांगों हेतु 100 बिस्तर हाॅस्टल भवन निर्माण हेतु कुल स्वीकृत राशि 247 लाख रूपये के विरूद्ध प्रथम किस्त की राशि 49.42 लाख रूपये तथा शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ विद्यालय बिलासपुर हेतु 48 सीटर बस के लिये 23 लाख 45 हजार से अधिक की स्वीकृत राशि का डमी चेक प्रदान किया गया। इस तरह कार्यक्रम में 1 करोड़ रूपये से भी ज्यादा की राशि का वितरण किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अनिला भेड़िया ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज कल्याण विभाग को जनता की भावनाओं से जुड़कर कार्य करना होता है। मूकबधिर, नेत्रहीन दिव्यांग बच्चों के विकास के लिये निरंतर कार्य किया जा रहा है। शासन प्रशासन का यह प्रयास है कि किस तरीके से दिव्यांग बच्चों को आगे बढ़ाया जाये। नई-नई योजनाओं के माध्यम से यह कार्य हो रहे हैं। प्रदेश में ऐसे विद्यालय की आवश्यकता है जो दिव्यांग बच्चों की रूचि के अनुसार उन्हें शिक्षा प्रदान करें और उनका कौशल विकास करें। इसके लिये सरकार प्रयासरत है।
उन्होने कहा कि बिलासपुर शहर समाज सेवा में हमेशा आगे रहा है। श्रीमती भेड़िया ने आश्वस्त किया कि समाज सेवा के क्षेत्र में जो भी मदद की आवश्यकता होगी, वह दी जायेगी। शासन की योजना को गांव-गांव के अंतिम छोर तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बिलासपुर के विधायक श्री शैलेष पाण्डेय ने की। उन्होंने बताया कि दिव्यांग बच्चों में नेतृत्व क्षमता का विकास करने के उद्देश्य से उन्हें अपने क्षेत्र का एल्डरमेन बनाया जायेगा। इसके लिये अधिनियम लाया जा रहा है। दिव्यांगों को सशक्त करने की भावना सरकार की है।
एसईसीएल द्वारा सीएसआर मद से 26 करोड़ 32 लाख रूपये की राशि दिव्यांग छात्र-छात्राओं के हाॅस्टल निर्माण और बस के लिये स्वीकृत किया गया है। यह दोनों ही सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा।
कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत शासकीय एवं अनुदान प्राप्त संस्थाओं द्वारा स्टाल लगाकर अपनी गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया। जिसे अतिथियों की भरपूर सराहना मिली। दिव्यांग बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रमुख आकर्षण का केन्द्र रहा।