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बिलासपुर में वार्डो के परिसीमन का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा। मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग विकास भवन पहुंच गए और अपनी मांग पर विकास भवन का घेराव कर हंगामा मचाने लगे । इन लोगों ने कहा कि नए वार्डों के नामकरण के दौरान संविधान निर्माता डॉक्टर अंबेडकर के नाम से स्थापित बरसों पुराने वार्ड को समाप्त कर उनका अपमान किया गया है ।वहीं लोगों ने महंत बाड़ा के हिस्से को गुरु घासीदास वार्ड में ही पहले की तरह रखने की भी वकालत की। बड़ी संख्या में विकास भवन पहुंचे इन लोगों ने राजनीतिक षडयंत्र करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नए वार्डों के निर्माण में कई महापुरुषों की अनदेखी की गई है और उनके नाम पर मौजूद वार्डों को समाप्त कर उनका अपमान किया गया है।

पहले वार्ड नंबर 13 बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम से जाना जाता था और यही इसकी पहचान बन चुकी थी। यहां अंबेडकर को मानने वाले बड़ी संख्या में रहते हैं और यहां डॉक्टर अंबेडकर की विशाल मूर्ति भी स्थापित की गई है। जिसका नाम अंबेडकर चौक से नाम से जाना जाता है ।यहां अंबेडकर के नाम से एक स्कूल भी संचालित है, भव्य अंबेडकर द्वार भी बना हुआ है। इतना ही नहीं इस वार्ड में अंबेडकर भवन और पंचशील बौद्ध विहार भी स्थापित है। बावजूद इसके वार्ड में अंबेडकरवादी लोगों को तीन अलग-अलग वार्डों में विभाजित कर साजिश की गई है। साजिश केवल संविधान निर्माता के साथ ही नहीं की गई बल्कि छत्तीसगढ़ के महान संत और सतनाम पंथ के प्रवर्तक संत शिरोमणि बाबा घासीदास जी के नाम पर वर्षों से स्थापित वार्ड के साथ भी छेड़छाड़ की गई है। महत वाडा की पहचान गुरु घासीदास को मानने वाले सतनामी समाज से है। यहां हर वर्ष गुरु घासीदास जयंती उल्लास पूर्वक मनाई जाती है । यहां सतनामी समाज का विशाल गुरुद्वारा और महंत बाड़ा स्थापित है । इसी कारण इस वार्ड का नाम गुरु घासीदास नगर रखा गया था, लेकिन अब नए परिसीमन में महंत बाड़ा वाले हिस्से को गायत्री नगर अर्थात भारती नगर क्षेत्र में शामिल कर दिया गया है ।इस कारण वार्ड में रहने वाले नागरिक दो हिस्सों में विभक्त होते नजर आ रहे हैं ।

।परिसीमन में दूरी का ख्याल नहीं रखने का भी इन लोगों ने आरोप लगाया है और कहां कि भारतीय नगर की दूरी मात्र महंत बाड़ा से करीब डेढ़ किलोमीटर है और इन लोगों को ओवरब्रिज और हाईवे रोड पार कर अपने काम के लिए पार्षद के पास आना जाना पड़ेगा जो वहां की जनता के लिए कठिन कार्य है, इसीलिए पहले की तरह महंत बाड़ा को गुरु घासीदास नगर वार्ड का ही हिस्सा बनाए रखने की मांग इन लोगों ने की है । कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री को आवेदन देते हुए इन लोगों ने बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम से ही वार्ड को बनाए रखने और तीन हिस्सों में बांटने की जगह उसे एक ही वार्ड में शामिल करने के साथ महंत बाड़ा को गुरु घासीदास वार्ड में यथावत बनाए रखने की मांग की है। इस मुद्दे पर बौद्ध महासभा बिलासपुर, ममहा संघ और अंबेडकर युवा मंच के अधिकारियों और सदस्यों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। दरअसल यह पूरी परेशानी क्षेत्र के पुराने पार्षद महेश चंद्रिका पुरे की है। नए परिसीमन में उनका वार्ड ही पूरी तरह समाप्त हो गया है इसलिए वे राजनीति के लिए नई जमीन तलाश रहे हैं। नए परिसीमन में शायद उन्हें चुनाव लड़ने तक का मौका ना मिले और अगर मौका मिल भी गया तो उनकी जीत संदिग्ध होगी, इसीलिए यह लड़ाई नागरिकों की कम और पूर्व एल्डरमैन महेश चंद्रिका पुरे की अधिक दिखाई पड़ रही है।