
जानकारों की माने तो अपहरणकर्ताओं ने परिजनों से संपर्क किया था और पुलिस एक दो दिनों के भीतर अपहरणकर्ता तक पहुंचने का दावा कर रही है
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
48 घंटे बीत जाने के बाद भी विराट का कोई अता पता नहीं है । इधर विराट के अपहरण के बाद से ही परिवार का रो-रोकर हाल बुरा है। हालांकि पुलिस ने अपने सबसे एक्सपर्ट लोगों को इस अपहरण को सुलझाने के लिए लगाया है फिर भी अब तक पुलिस के हाथ खाली है। जिस वजह से विराट सराफ के परिवार का भरोसा धीरे धीरे पुलिस पर कम होता जा रहा है और अब पूरा दारोमदार किसी चमत्कार पर ही है इसीलिए परिवार ईश्वर की शरण में जाता दिख रहा है। पंडित से यह पता करने की कोशिश की जा रही है कि विराट कहां और किस दिशा में है। जाहिर है जिनका इकलौता बेटा इस तरह से अपहृत होता हो उसके परिजनों की मानसिक दशा ऐसी ही होगी। जैसे जैसे वक्त बिता जा रहा है पुलिस के लिए भी चुनौती कठिन होती जा रही है। रविवार को आई जी ने आपात बैठक लेकर टीम को विराट अपहरण की जांच के लिए लगाया लेकिन फिर भी कोई भी सूत्र हाथ नहीं लग पाया ।सोमवार को स्वयं डीजी ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए टीम का गठन करते हुए उन्हें निर्देशित किया है।
पुलिस हर संभावना पर गौर कर रही है। पुलिस का मानना है कि अपहरण करने वाले शहर से बाहर नहीं जा पाए हैं और विराट का अपहरण करने वालों में कोई ना कोई उनका निकट का व्यक्ति संबंधित हो सकता है। रविवार को पुलिस ने शहर के सीसीटीवी के फुटेज खंगाले तो उन्हें तारबाहर चौक स्थित होटल रसोई में लगे सीसीटीवी कैमरे से सफेद रंग की वैगनआर कार तार बाहर की ओर जाती दिखी लेकिन इससे आगे की कोई जानकारी उनके पास नहीं है । इस मामले का एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि परिजनों को अब तक फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं आया है लेकिन विराट के चचेरे भाई सुशांत के दोस्त कपिल केसरी और अतीत तिवारी का दावा है कि उनके पास किसी ने अननोन नंबर से कॉल किया था ।पुलिस जांच में यह नंबर फर्जी पाया गया लेकिन पुलिस को इन पर ही संदेह हो रहा है इसलिए परिवार और परिचित में से कुछ लोगों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। सूत्रों की माने तो इस अपहरण के पीछे विराट के बहुत नजदीकी किसी रिश्तेदार का हाथ हो सकता है। वहीं सराफ परिवार का ताम्रकार परिवार से दुकान को लेकर पुराना विवाद था, पुलिस इस मामले को भी नजरअंदाज नहीं कर रही। फिलहाल पुलिस भी शहर के अंदर ही दौड़ भाग कर रही है। आपको याद दिला दें कि शनिवार शाम करीब 8:30 बजे भाजपा कार्यालय के सामने कश्यप कॉलोनी से 6 साल के विराट सराफ को तीन लोगों ने सफेद रंग की वैगनआर कार से अपहरण कर लिया था। इस मामले का दुखद पहलू यह है की विराट को तलाशने की हड़बड़ी में पूरा मामला जग जाहिर हो गया। यहां तक कि सीसीटीवी फुटेज भी सोशल साइट पर वायरल हो रहे हैं। पुलिस का मानना है इससे अपहरणकर्ता सचेत होंगे और खतरा विराट के लिए उतना ही बढ़ता जाएगा। पुलिस सोशल साइट पर ऐसे वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ भी सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है। इधर विराट के अपहरण के बाद से ही विराट के घर में मातम पसरा हुआ है।
लोग सांत्वना जताने लगातार घर आ रहे हैं ।सब जानना चाहते हैं कि इस मामले में क्या अपडेट है लेकिन पुलिस के साथ ही विराट के पिता विवेक सराफ के भी हाथ बिल्कुल खाली है।
विराट सराफ अपहरण मामले के साथ दिक्कत यह है की इसी दौरान लोकसभा का चुनाव है और पुलिस चुनाव में व्यस्त है। इसी दौरान घटी बेसबॉल खिलाड़ी निशांगी टंडन के आत्महत्या का मामला हो या फिर विराट के अपहरण का ।दोनों मामलों में पुलिस पूरी ताकत नहीं झोंक पा रही है क्योंकि उन्हें चुनाव भी संपन्न कराना है। मुमकिन है चुनाव निपटने के बाद ही इन दोनों मामलों में तेजी आएगी । निशांगी की हत्या किसने की या फिर उसने क्यों खुदकुशी की यह जांच से पता चलने में देर सवेर हो तो खास फर्क नहीं पड़ता लेकिन जरूरी है कि विराट सराफ को जल्द से जल्द तलाश कर उसकी सकुशल वापसी कराई जाए क्योंकि विराट की चिंता पूरे शहर पूरे प्रदेश को है।