
आकाश दत्त मिश्रा
विश्व आदिवासी दिवस पर मुंगेली पहुंची कांग्रेस नेता करुणा शुक्ला धारा 370 के मुद्दे पर घिरती नजर आई पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए करुणा शुक्ला भी पार्टी लाइन से बाहर जाने की हिम्मत नहीं दर्शा पाई। धारा 370 हटाए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी में भी घमासान मचा हुआ है। पार्टी में अंतर्विरोध और कलह, धारा 370 पर प्रतिक्रिया देने के रूप में सामने आने लगा है । कांग्रेस के कई नेता धारा 370 हटाए जाने का समर्थन कर चुके हैं , जबकि पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी मनीष तिवारी जैसे नेता लगातार धारा 370 हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं। मुंगेली पहुंची पूर्व सांसद करुणा शुक्ला जब सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं से रूबरू होने के बाद पत्रकारों से दो-चार हुई तो उनसे अधिकांश सवाल धारा 370 संबंधी पूछे गए। उन्होंने खुलकर भले ही धारा 370 हटाए जाने का विरोध ना किया हो लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि धारा 370 हटाने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। संविधान को दरकिनार कर बिना संकल्प पारित किए एक तरफा अपनी शक्तियों का दुरु प्रयोग कर इस तरह से धारा 370 हटा कर राज्यों को विभक्त करते हुए धारा 144 लागू कर स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर बंदूकों के साए में जीने को मजबूर किया गया है। इसे करुणा शुक्ला ने लोकतंत्र को कमजोर करने वाली प्रक्रिया बताया। भारतीय जनता पार्टी में लंबी पारी खेलने वाली करुणा शुक्ला कांग्रेस मैं शामिल होने के बाद कभी भी नो तो चुनाव जीत पाई और ना ही किसी बड़े ओहदे को प्राप्त कर पाए लेकिन उन्होंने अपने ही पूर्व पार्टी और उनके नेताओं पर तोड़ने वाली राजनीति करने का आरोप जरूर लगा दिया। करुणा शुक्ला ने मुंगेली में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मौजूदा पार्टी नेताओं ने पहले अटल जी और आडवाणी जी के बीच खाई बनाने की कोशिश की अब नेहरू और सरदार पटेल के बीच गड्ढा खोदकर उन्हें दो अलग-अलग खेमों में प्रदर्शित करने का फैशन चल पड़ा है। पत्रकारों के सवालों के जवाब में खुद करुणा शुक्ला यह सवाल करने लगी कि क्या भाजपा के नेता यही काम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के लिए कर पाएंगे । करुणा शुक्ला ने दावा किया कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में 34 साल बिताए हैं इसलिए अपने अनुभव के आधार पर ही वह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर ऐसे आरोप लगा रही है। करुणा शुक्ला ने कहा कि जब भी किसी राज्य को विखंडित किया जाता है , जैसा कि मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़, बिहार से झारखंड और उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड अलग किया गया तो उसके लिए संकल्प पारित कर प्रक्रिया अपनाई गई। लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपनी मर्जी चलाते हुए जम्मू कश्मीर के दो टुकड़े कर दिए। करुणा शुक्ला ने इसे अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि यह प्रयोग कितना सफल रहेगा यह तो आनेवाला वक्त ही तय करेगा। करुणा शुक्ला यह भी कहती नजर आई कि ईश्वर करे सब कुछ ठीक-ठाक हो क्योंकि यह देश हम सबका अपना देश है ।उन्होंने कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने और लद्दाख और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के फैसले को मोदी का अहंकार करार दिया। वैसे तो करुणा शुक्ला मुंगेली में विश्व आदिवासी दिवस के मद्देनजर पहुंची थी लेकिन आदिवासी हितों और आदिवासियों की वर्तमान परिस्थितियों की बजाए उनसे अधिकांश सवाल धारा 370 संबंधी पूछे गए और इस ज्वलंत मुद्दे पर उन्होंने पार्टी लाइन की ही तरह इस फैसले का विरोध किया।