रमेश राजपूत
बिलासपुर – जिला पंचायत बिलासपुर की सामान्य प्रशासन और फिर सामान्य सभा की बैठक 20 नंवबर को आहुत की गई, जहाँ जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण चौहान की अध्यक्षता में यह बैठक की गई, बैठक में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप अग्रवाल सहित सभी निर्वाचित सदस्य, विधायक एवं सांसद प्रतिनिधि सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे, इस दौरान तय एजेंडा के साथ ही क्षेत्र के विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो रही थी, लेकिन बैठक में ऐसी क्या गोपनीयता बरती जा रही थी कि मीडिया से दूरी बना दी गई। जो जनप्रतिनिधि आज तक मीडिया के माध्यम शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी प्रसारित करते आ रही है उसे से प्रतिबंधित करने का फरमान जारी किया गया है।
जहाँ जनप्रतिनिधियों और जनहित के बीच आखिर किसकी ज्यादा दखल हो गई कि अब मीडिया के कवरेज से एतराज किया जा रहा है, रही बात जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की तो जिला पंचायत के सामने खड़ी चमचमाती बड़ी गाड़िया किसी भी गांव की सड़कों के हालात को छुपा नही सकती है, जहाँ जनहित के मुद्दे होंगे वह पटल पर सामने आ ही जाते है।
विधानसभा से बड़ी सामान्य सभा….
प्रदेश में विधानसभा के बाद जिला पंचायत की सामान्य सभा सबसे बड़ी पंचायत होती है जिसे जिले का महापंचायत भी कहना गलत नही होगा, लेकिन ऐसे बैठक में क्या गंभीर और गोपनीय चर्चा हो रही थी कि उसे पारदर्शी होने से रोका जा रहा है, अब तक के कार्यकालों में सामान्य सभा की कार्रवाई से मीडिया को दूर नही रखा गया और न ही पहरेदारी लगाई, ऐसे में यह सवाल उठना स्वभाविक हो गया है कि क्या अब इस महापंचायत में जनहित के मुद्दों के साथ न्याय होगा या सभा कक्ष में ही उनकी इतिश्री हो जायेगी… जवाबदेही तो तय है!