
डेस्क
सोमवार गणेश चतुर्थी से गणेश उत्सव का आरंभ हो रहा है। लंबोदर भगवान गणेश रिद्धि सुख-समृद्धि और बुद्धि के देवता माने जाते हैं। भगवान गणेश प्रथम आराध्य देव हैं ।अपनी बुद्धि के बल पर उन्होंने अपने माता पिता शिव और पार्वती से प्रथम आराध्य होने का वरदान प्राप्त किया था। सभी मंगल कार्यों में भी सर्वप्रथम भगवान गणेश की ही उपासना करने का विधान है। एक बार माता पार्वती ने अपने शरीर पर लगे उबटन से एक बालक की आकृति तैयार की और फिर उसमें प्राण फूंक दिए। वही बालक भगवान गणेश है। पिता के साथ हुए युद्ध में बालक का शीश कट जाने के बाद भगवान शिव ने माता पार्वती के आग्रह पर एक हाथी के बच्चे का शीश भगवान गणेश के सर पर लगा दिया। कहने का अर्थ यह है कि जिस तरह माता पार्वती ने शरीर के उबटन से प्रयोग करते हुए बालक का निर्माण किया, ठीक उसी तरह भगवान गणेश की आकृति निर्माण में भी मूर्तिकार तरह तरह का प्रयोग करते हैं। सामान्यतः देवी देवताओं की आकृति बंधे नियमों के तहत बनाई जाती है।
लेकिन भगवान गणेश की प्रतिमाओं के साथ मूर्तिकार हर वर्ष कई तरह के प्रयोग करते हैं। मूर्तियों में प्रयोग केवल आकार प्रकार का ही नहीं होता, कई बार तो अद्भुत सामग्रियों से भी भगवान गणेश की प्रतिमाएं तैयार की जाती है। कभी गुड से, कभी मेवा मिष्ठान से ,कभी चॉकलेट से तो कभी अनाज से भगवान की प्रतिमा तैयार की जाती है। इस वर्ष गोल बाजार स्थित हरदेव लाल मंदिर में तो एक नया प्रयोग किया जा रहा है। यहां भगवान गणेश की विशालकाय प्रतिमा का निर्माण शुद्ध मक्खन से किया जा रहा है । मंदिर परिसर में इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है ।मक्खन से बने गणेश जी पिघल ना जाए इसके लिए अलग से एक कक्ष का निर्माण किया गया है। शीशे के आवरण के बीच मक्खन से बने गणेश जी विराजमान होंगे । करीब 110 किलो मक्खन का प्रयोग गणेश प्रतिमा निर्माण के लिए किया गया है। प्रतिमा पिघले नहीं इसलिए यहां 2 टन के तीन ऐसी भी लगाए गए हैं। श्री नवयुवक बाल गणेश उत्सव समिति द्वारा संभवत बिलासपुर में पहली बार मक्खन के गणेश जी स्थापित किए जा रहे हैं। समिति का दावा है कि उन्होंने इससे पहले भी घी से निर्मित गणेश प्रतिमा स्थापित की थी ।शीशे के बने कक्ष में विराजित गणेश प्रतिमा की अद्भुत ही छठा देखते बन रही है। निर्माण अंतिम दौर में है। सोमवार गणेश चतुर्थी पर शुभ मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा के साथ उत्सव का आरंभ होगा। दोपहर 11:55 से दोपहर 12:40 पर अभिजीत शुभ मुहूर्त है इसी समय गणेश प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। इस वर्ष वैसे तो बिलासपुर में सैकड़ों छोटे-बड़े गणेश प्रतिमा स्थापित हो रही है लेकिन हरदेव लाल मंदिर गोल बाजार में मक्खन से बनी गणेश की प्रतिमा आकर्षण की सबसे बड़ी वजह होगी। श्री नवयुवक बाल गणेश उत्सव समिति द्वारा स्थापित इस गणेश प्रतिमा को देखने दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे, ऐसी उम्मीद की जा रही है।