
रमेश राजपूत
बिलासपुर – विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जहाँ दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं बिलासपुर के पंचशील बुद्ध विहार में एक युवा शिक्षक ने इस दिशा में एक अनूठी पहल की है। लोकेश पूजा बौद्ध नामक शिक्षक न केवल बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दे रहे हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं, जिसमें बच्चे और उनके सहयोगी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
इस विशेष मुहिम के अंतर्गत लोकेश द्वारा प्लास्टिक कचरे के बदले लोगों को उपयोगी सामान जैसे पौधे, बीज, पुस्तकें आदि भेंट किए जा रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि लोग प्लास्टिक के दुष्परिणामों को समझें और उसके उपयोग से परहेज करें। उन्होंने बताया कि “प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाने वाले कारकों में से एक है। यदि हम इसका उपयोग कम करें और वैकल्पिक साधनों को अपनाएं, तो हम अपने पर्यावरण को बचाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।”
पंचशील बुद्ध विहार में चल रहे इस जागरूकता अभियान में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, युवा और बच्चे भाग ले रहे हैं। यहाँ लोग अपने घरों से प्लास्टिक कचरा लाकर दे रहे हैं, और उसके बदले पर्यावरण संरक्षण में सहायक वस्तुएं प्राप्त कर रहे हैं। इस अनोखे प्रयास ने समाज में सकारात्मक संदेश फैलाया है और लोगों को पर्यावरण की रक्षा हेतु प्रेरित किया है।
लोकेश ने यह भी बताया कि उन्होंने 1 जून को बच्चों के लिए एक पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया था, जिसका उद्देश्य बच्चों को रचनात्मक तरीके से पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझाना था। प्रतियोगिता में बच्चों ने अपनी कल्पनाओं के माध्यम से पर्यावरणीय संकट और उनके समाधान को चित्रों के जरिए प्रस्तुत किया।
इन चित्रों में से उत्कृष्ट चित्रों को चुना गया और प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया गया। इस पूरे अभियान का उद्देश्य न केवल पर्यावरण की सुरक्षा करना है, बल्कि समाज को जिम्मेदारी का बोध कराना भी है। लोकेश पूजा बौद्ध का मानना है कि यदि समाज के प्रत्येक वर्ग को पर्यावरण के प्रति सजग किया जाए, तो एक बड़ा परिवर्तन संभव है। उनका यह प्रयास न केवल बिलासपुर के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लोकेश द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान यह दर्शाता है कि जागरूकता और सकारात्मक सोच के माध्यम से हम अपने आस-पास के पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं।