
उदय सिंह
बिलासपुर– जिले के मस्तूरी विकासखंड स्थित एरमसाही धान खरीदी केंद्र में धान की गिनती को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। प्रशासन द्वारा 920 क्विंटल धान की कमी बताए जाने और इसके आधार पर की गई कार्रवाई के बाद किसानों, ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में भारी आक्रोश देखा गया। विरोध स्वरूप बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे और दोबारा निष्पक्ष गिनती कराए जाने की मांग की।ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि 10 दिसंबर को जिला स्तरीय टीम द्वारा की गई धान की गिनती सही तरीके से नहीं की गई।

इसी कथित गलत गिनती के आधार पर 920 क्विंटल धान की कमी दर्शा दी गई, जो पूरी तरह निराधार है। उनका दावा है कि बाद में जब दोबारा गिनती कराई गई तो किसी भी प्रकार की गड़बड़ी सामने नहीं आई और पूरा धान केंद्र परिसर में ही मौजूद पाया गया।धान खरीदी केंद्र के सरपंच प्रतिनिधि मेघनाथ खांडेकर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने बताया कि पुनः गिनती के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है।
साथ ही हर बोरी के छल्ले पर संख्या अंकित की गई, ताकि कुल धान की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट रहे। उनके अनुसार, सभी साक्ष्य यह साबित करते हैं कि धान की कोई कमी नहीं है।वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। गिरधर कुमार ने कहा कि किसी के दबाव में आकर कंप्यूटर ऑपरेटर को गलत तरीके से फंसाया गया, जबकि गिनती धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक की मौजूदगी में की गई थी और उस समय सब कुछ सही पाया गया था।उल्लेखनीय है कि 10 दिसंबर को गड़बड़ी की सूचना मिलने पर जिला स्तरीय टीम ने अचानक केंद्र का निरीक्षण किया था और 920 क्विंटल धान कम होने का दावा करते हुए प्राधिकृत अधिकारी व कंप्यूटर ऑपरेटर को हटा दिया गया। हालांकि, ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि गिनती में गंभीर लापरवाही हुई है और यदि निष्पक्ष व पारदर्शी जांच कराई जाए तो किसी भी प्रकार की कमी साबित नहीं होगी।अब इस पूरे मामले में प्रशासनिक जांच और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग तेज़ हो गई है।