उदय सिंह
रतनपुर क्षेत्र के ग्रामीण अंचल नेवसा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है ,जिसका कोई ओर छोर नजर नहीं आ रहा। अलबत्ता इस मामले में दोनों पक्षों ने एक दूसरे की पिटाई जरूर कर दी। शुरुआत नेवासा के लक्ष्मीकांत साहू से हुई । जो 1 वर्ष पूर्व मजदूरों की तलाश में गिधौरी गांव गया हुआ था इस दौरान वह गांव के ही एक मकान के सामने बैठ गया।
जिस मकान के सामने वह बैठा था उस घर में एक महिला मौजूद थी। यह महिला लक्ष्मी कांत साहू के ही गांव से थी। उस महिला का ससुर जब घर पहुंचा तो घर के बाहर एक अनजाने युवक को देखकर उसे शक हुआ कि उस युवक का उसकी बहू के साथ अवैध संबंध है । अपनी बहु के चरित्र पर शंका जाहिर करते हुए महिला का ससुर लक्ष्मी साहू के साथ विवाद करने लगा । उस वक्त तो यह विवाद टल गया लेकिन बाद में महिला के ससुर ने इस मुद्दे पर गांव में पंचायत बुला ली। पंचायत में भी मामला उछला और लक्ष्मी कांत साहू को भी बुलाया गया।
भरे समाज में लक्ष्मी कांत साहू पर लगाए गए आरोप से गुस्साए लक्ष्मीकांत ने उस महिला के ससुर गोविंद कश्यप से कहा कि उसने सरे बाजार उसकी बेइज्जती करा दी है। इसलिए आक्रोशित होकर लक्ष्मी कांत साहू ने गोविंद कश्यप की पिटाई कर दी । इस घटना के बाद 17 जून की सुबह गिधौरी निवासी सोनू और मोंटी लक्ष्मी कान्त के पास पहुंचे और कहा कि ट्रैक्टर एजेंसी का साहब उन्हें बुला रहा है जो पानी टंकी के पास मौजूद है। इस तरह वे लक्ष्मीकांत को सोनू के फार्म हाउस ले गए। फॉर्म हाउस में गोविंद कश्यप भी मौजूद था। सोनू के फार्म हाउस में शिवनारायण कश्यप , छोटू आदि भी मौजूद थे, जिन्होंने गोविंद कश्यप से लक्ष्मीकांत की शिनाख्त कराई और जब यह तसल्ली हो गई कि इसी लक्ष्मी काम ने गोविंद कश्यप के साथ मारपीट की थी तो सभी लक्ष्मीकांत पर यह आरोप लगाते हुए कि उसने शराब भट्टी के पास गोविंद कश्यप के साथ मारपीट की है लक्ष्मी कांत साहू की पिटाई शुरू कर दी। इसी दौरान लक्ष्मीकान्त के पिता बहोरन भी फार्म हाउस पहुंच गए। फार्म हाउस में छोटू ,मोंटी कश्यप आदि ने लक्ष्मीकांत के साथ जमकर मारपीट की। जिसके बाद छोटू और मोंटी उसे अपनी बाइक में बिठाकर गिधौरी पार के पास ले गए और एकबार फिर डंडे से उसकी पिटाई की गई। इस घटना के बाद जब दोनों लक्ष्मी को अपनी बाइक में बैठाकर बेलतरा कोल माइंस की ओर ले जा रहे थे तो लक्ष्मीकांत मौका पाकर बाइक से कूदकर अपनी गांव की ओर भागने लगा ,लेकिन दोनों आरोपियों ने उसे पकड़कर फिर से उसकी पिटाई कर दी। इस दौरान गांव के सरपंच शिव नारायण ने धमकी दी कि यदि लक्ष्मी ने इस घटना की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई तो वह उसे जान से मार देगा। इस मारपीट की घटना में 28 वर्षीय युवक लक्ष्मी कांत साहू गंभीर रूप से घायल हो गया। किसी तरह लक्ष्मी अपने पिता के साथ थाने पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही, लेकिन रसूखदार आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज करने की जगह टालमटोल शुरू कर दिया। जब लक्ष्मी कांत साहू शिकायत दर्ज कराने पहुंचा था उसी दौरान दूसरा पक्ष भी थाने पहुंच गया फिर पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत लेकर जांच का हवाला देते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। करीब 1 महीने तक इस मामले में कोई सुनवाई ना होता देख लक्ष्मी कांत साहू अपने पिता के साथ बिलासपुर एस् पी प्रशांत अग्रवाल के पास पहुंचा और उनसे लिखित शिकायत की । एस पी प्रशांत अग्रवाल ने भी जब लक्ष्मी कांत साहू के पीठ पर चोट के निशान देखे तो उन्हें भी मामले की गंभीरता समझ में आई और उन्होंने तत्काल रतनपुर पुलिस को एफ आई आर दर्ज करने का निर्देश दिया , साथ ही एसपी ने ग्रामीण को अपना मोबाइल नंबर भी दिया और कहा कि अगर रतनपुर पुलिस एफ आई आर दर्ज नहीं करती तो वे एसपी को तत्काल इसकी सूचना दें।
बताया जा रहा है कि मामले का आरोपी मोंटी इलाके का आदतन अपराधी है। जिसके खिलाफ रतनपुर थाने में कई मामले दर्ज हैं । वहीं सरपंच के बेटे की भी दबंगई से ग्रामीण भयभीत रहते हैं। इन दोनों के खिलाफ पुलिस भी मामला दर्ज करने से बच रही है, लेकिन इस घटना के बाद एस पी के दखलंदाजी से रतनपुर पुलिस को एफआईआर तो दर्ज करना पड़ा है लेकिन जो पुलिस अपराधियों को संरक्षण दे रही हो वह अपराधियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेगी यह समझा जा सकता है।