
भुवनेश्वर बंजारे

बिलासपुर – सोमवार को फिर जिले में कोरोना का विस्फोट हुआ है, जिसमे देर शाम 9 मरीज के साथ एक गौरेला के भी पॉजिटिव मरीज की पुष्टि हुई है। जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है, बताया जा रहा है कि पॉजिटिव मरीजो में से एक सिम्स का डॉक्टर सहित भोपाल से लौटी सिम्स की स्टाफ नर्स शामिल है। इसके अलावा मस्तूरी ब्लॉक से चार मरीज मिले है। जिसमे पाँच वर्ष की बच्ची और 45 वर्षीय महिला जो की भिंड मुरैना से आए थे। इसी तरह 86 वर्षीय बुजुर्ग है जिसकी ट्रैवल हिस्ट्री भोपाल की है, उसके साथ 55 वर्षीय व्यक्ति जो यूपी के सुल्तानपुर से आया था। वही बिल्हा ब्लॉक से दो मरीज मिले है जिसमे एक 17 वर्षीय किशोरी जो हैदराबाद से आई थी तो वही सेलर निवासी 22 वर्षीय युवक जो हालही में रायगढ़ से लौटा था। इसी तरह कोटा ब्लॉक से 30 वर्षीय युवक भी शामिल है जो सिम्स में जाँच कराने आया था उसकी रिपोर्ट सोमवार को पॉजिटिव आई है। इसके अलावा गौरेला के एक मरीज की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिसका इलाज अपोलो में चल रहा था। इसके साथ बिलासपुर के कोविड 19 हॉस्पिटल में ड्यूटी करने वाला 34 वर्षीय डॉक्टर भी कोरोना के चपेट में आया है। साथ ही सरकण्डा क्षेत्र की रहने वाली स्टाफ नर्स भी कोरोना संक्रमित हुई है। आपको बता दे मस्तूरी ब्लॉक के एक बुजुर्ग सहित मां,बेटी को एम्स एडमिट किया जा रहा है बाकि मरीजो को जिला कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।
गांव में दहशत का माहौल,देर रात तक नही पहुँचा कोई जिम्मेदार…

सोमवार को 22 वर्षीय युवक की भी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जो सेलर गांव का रहने वाला है। उसके रिपोर्ट की जानकारी गांव के जनप्रतिनिधियों को शाम से ही लग गई थी। लेकिन देर रात तक स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर नही पहुँची। ग्रामीणों की माने तो जानकारी होने के बाद भी देर रात तक स्वास्थ्य विभाग की टीम युवक को लेने के लिए गांव नहीं पहुँची, जिसके चलते पूरी रात सेलर गांव मे दहशत का माहौल व्याप्त रहा। बताया जा रहा है कि संक्रमित युवक अपने एक दोस्त के साथ सिम्स में जांच कराने गया था अब उस दोस्त को भी संक्रमण का डर है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते अब पूरे गांव में संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
पाँच घंटे में भी नही खोज सके पॉजिटिव मरीज को,, बढ़ा संक्रमण का खतरा…

सोमवार को रायपुर से बिलासपुर के 10 पॉजिटिव मरीजो की जांच रिपोर्ट शाम करीब पांच बजे ही स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई थी। जिसमे स्वास्थ्य विभाग का अमला बड़ी मशक्कत के बाद 9 मरीजो को ही खोज सका। कोटा के एक मरीज को ट्रेस करने में हालत खराब हो गई। फिर भी रात 11.30 तक कोटा के 30 वर्षीय मरीज की मुनासिब जानकारी विभाग को नही मिली थी। जबकि पॉजिटिव मरीज पहले ही सिम्स से डिस्चार्ज किया जा चुका था। ऐसे में वह इस बीच जिन जिन जगहों में गया होगा वहाँ भी संक्रमण फैलने की प्रबल संभावना बनी हुई है।
सिम्स और स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में अंतर, आंकड़े चौकाने वाले!

कोरोना को लेकर इन दिनों स्वास्थ्य विभाग और सिम्स में तालमेल नहीं दिख रहा है। एक ओर स्वास्थ्य विभाग के आंकडें में जहां जिले और गौरेला मिलाकर 10 लोग कोरोना के चपेट में आए है। वहीं सिम्स के कोरोना प्रभारी डॉ. आरती पांडे ने सिम्स से 5 मरीज के कोरोना पॉजेटिव आने की जानकारी अलग से दी है। इसमें डॉक्टर पांडे ने बताया कि सिम्स का एक 34 साल का डॉक्टर, एक 39 साल की स्टॉफ नर्स, 2 माह की बच्ची जिसकी इलाज के बाद छुट्टी हो चुकी है। एक 9 साल की बच्ची के अलावा 30 वर्ष का युवक जो इलाज के बाद अपने घर लौट चुका है वो कोरोना के चपेट में आया है।