
आईजी प्रदीप गुप्ता टीवी चैनल पर चलने वाले क्राइम शो के विरोधी हैं क्योंकि उन्हें लगता है ऐसे शो से अपराधियों को काफी कुछ सीखने को मिलता है जो सभ्य समाज के लिए सही नहीं है
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
बिलासपुर रेंज के आईजी प्रदीप गुप्ता गुरुवार को बिलासपुर प्रेस क्लब के कार्यक्रम हमर पहुना में मेहमान थे उन्होंने पत्रकारों को अपनी निजी जिंदगी की जानकारी देते हुए कहा कि वे जेएनयू के पूर्व छात्र रहे हैं और हैदराबाद उस्मानिया विश्वविद्यालय से पुलिस मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की है कानूनी प्रक्रिया में रुचि की वजह से उन्होंने बाद में नागपुर से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की ।टाटा में जॉब भी किया। फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी की । बतौर आईपीएस उनका सिलेक्शन मध्य प्रदेश कैडर के लिए हुआ। उज्जैन से उन्हें शुरुआत की। ग्वालियर और सागर में भी पदस्थ रहे। प्रदेश के विभाजन के बाद प्रदीप गुप्ता को छत्तीसगढ़ कैडर मिला। इस दौरान में जसपुर में भी रहे लेकिन यूएन की टीम का हिस्सा बनकर कोसोवो जाना उनके अनुभव के लिए बेहतर साबित हुआ। 2014 से वह प्रदेश में तैनात हैं। इस दौरान उन्हें दुर्ग रायपुर और बिलासपुर में काम करने का अवसर मिला। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए आईजी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि आज के दौर में पुलिस पर हर आम आदमी की निगाह मोबाइल कैमरे की वजह से है। लोगों की अपेक्षा भी पुलिस के प्रति बढ़ रही है ,उन्होंने जोर देते हुए कहा कि थानों में काम के बढ़ते बोझ के हल के बतौर थानों की संख्या बढ़ाना बेहतर विकल्प होगा। सोशल मीडिया को भी उन्होंने संयम बरतने की सलाह दी।लगातार मामले दर्ज करने पर उन्होंने अपनी राय देते हुए कहा कि सभी सिस्टम अपने सदस्यों को प्रोटेक्ट करते हैं, पत्रकार बिरादरी भी इससे अछूती नहीं है। कानून के दायरे में रहकर ही पुलिस को काम करना होता है। उन्होंने माना की भिलाई के अभिषेक मिश्रा कांड की गुत्थी सुलझाना उनके लिए सबसे अधिक चैलेंजिंग रही। वहीं आईजी प्रदीप गुप्ता टीवी चैनल पर चलने वाले क्राइम शो के विरोधी हैं क्योंकि उन्हें लगता है ऐसे शो से अपराधियों को काफी कुछ सीखने को मिलता है जो सभ्य समाज के लिए सही नहीं है।