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आखिरकार छत्तीसगढ़ में भी आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिलेगा। केंद्र की मोदी सरकार ने अभूतपूर्व फैसला लेते हुए सवर्णों को भी 10% आरक्षण देने का फैसला लिया था, जिसे कई राज्यों में लागू कर दिया गया था लेकिन छत्तीसगढ़ में कई कमियां गिनाते हुए इस पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन आखिरकार भूपेश बघेल मंत्रिमंडल ने सवर्णों को 10% आरक्षण को हरी झंडी दिखा दी है। भूपेश बघेल सरकार के मंत्रीमंडल की बैठक मंगलवार की देर शाम को मुख्यमंत्री आवास रायपुर में हुई. बैठक में प्रदेश में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सवर्ण को 10 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय ले लिया गया है। केन्द्र सरकार के निर्णय के बाद से प्रदेश सरकार ने इसे विचाराधीन रखा था, इस पर आज मंत्रीमंडल ने मुहर लगा दिया है।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गाें के लिये आरक्षण) अधिनियम,1994 में संशोधन करने के लिए अधिनियम संशोधन अध्यादेश, 2019 के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया गया है। इसके तहत अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का अनुमोदन किया गया। संसोधन प्रस्ताव पर अनुमोदन के निर्णय के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए छत्तीसगढ़ में लोक पदों एवं सेवाओं में तथा शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश में सीटों का 10 प्रतिशत आरक्षण करने का निर्णय लिया गया। इस संबंध में जनसंख्यात्मक जानकारी एकत्रित करने के लिये एक आयोग गठित किया जाएगा। अब प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग के छात्र-छात्राएं और अभ्यर्थी भी 10% आरक्षण का लाभ ले सकेंगे।