
भुवनेश्वर बंजारे

बिलासपुर – जिस निगम प्रशासन को जिलेभर में लॉकडाउन के बाद भी निम्न वर्ग के लोगो को भरण पोषण की जिम्मेवारी सौपी गई है। उनके अंडर ही काम करने वाला वर्कर आख़िर क्यो? इतना मजबूर हो गया की उसे मौत को ही गले लगाना पड़ा! जी हाँ पिछले पांच सालों से शहर में संचालित सिटी बस की परिवहन सेवा में काम करने वाले टिकरापारा निवासी लुक्स जॉन एंथोनी ने आर्थिक तंगी से मजबूर होकर यह कदम उठाया है। परिजनों के मुताबिक लुक्स जॉन एंथोनी पिछले महीने से ही आर्थिक तंगी से परेशान चल रहा था। इसी वजह से उन्हें अपने पत्नी और बच्चो को मायके छ़ोड पैसे की जुगत में वापस आ गया था। हफ़्तों के कोशिशों के बाद भी उसके हाथ दो वक्त के रोटी के लिए पैसे इकट्ठे नही हो सके। जिससे परेशान वह आंसुओ की घुट पी कर जीता रहा। उसने तब भी हिम्मत नही हारी वह रोजाना बैंक इसी उम्मीद से जाता था, कि आज उसकी सैंलरी दुर्गाम्बा कंपनी द्वारा डाल दी गई होगी! पर उसके हाथ मायूसी ही आती रही, वह चार दिन पूर्व अपनी खस्ताहाल को लेकर दुर्गाम्बा कंपनी के अकाउंटेंट से गुहार लगाई। लेकिन उसने भी पैसे नही होने का हवाला देते हुए उसे चलता कर दिया गया। इस विपरीत परिस्थितियों को शायद झेलने एंथोनी की हिम्मत बची नही थी। तभी तो उसने शनिवार देर रात अपने घर में आत्महत्या कर ली। बहरहाल एंथोनी के मौत के पीछे की वास्तविक वजह तो पुलिसिया जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। लेकिन इस घटना ने निगम प्रशासन सहित दुर्गाम्बा कंपनी के ऊपर अमिट छाप छोड़ दी है जिसे मिटा पाना संभव नही है।
सैंलरी के लिए परेशान स्टाफ में आक्रोश की लहर..
दुर्गम्बा कंपनी के द्वारा संचालित शहर की सिटी बस परिवहन सेवा में जिले के तीन दर्जन से भी अधिक वर्कर पिछले कई सालों से काम कर रहे है। लॉक डाउन होने के बाद से जिले में पीछे दो महीनों से सिटी बस नही चल रहा है, जिसको वजह बताकर दुर्गम्बा कंपनी के संचालक मार्च से अब तक वर्करों को पेमेंट देने में आना कानी कर रहे है। जिससे वैसे भी सभी स्टाफ के सामने परिवार के भरण पोषण की समस्या आ चुकी है। ऐसे में अपने बीच काम करने वाले कंडेक्टर की आर्थिक तंगी से मौत होने की सूचना ने सभी को झंझोड़ दिया है। वह दुर्गम्बा कंपनी के कार्यप्रणाली से असंतुष्ट तो पहले से थे, लेकिन अब उनमें कंपनी के खिलाफ आक्रोश की स्थिति निर्मित हो गई है।
सरकार के निर्देशों की हो रही अवेहलना, क्या होगी कार्यवाही??
देश मे कोरोना वायरस को लेकर 23 मार्च से लॉक डाउन है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार ने सभी संस्थानों को अपने कर्मचारियों को पूरी तनख्वा देने के निर्देश दिए गए है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके बावजूद भी नगर निगम से सम्बद्ध दुर्गम्बा कंपनी ने सिटी बस स्टाफ को मार्च माह के आधे दिनों का वेतन दिया है। तो अप्रैल माह से उन्हें अब तक कोई पेमेंट का भुगतान नही की किया गया है। ऐसे में सवाल यह है? कि क्या आर्थिक तंगी से सिटी बस कंडेक्टर की मौत के बाद निगम प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लेगा या फिर यह भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चले जाएगा!