
रमेश राजपूत
बिलासपुर – सिविल लाइन थाना क्षेत्र में 65 वर्षीय महिला से लगभग 5 लाख रुपये की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। प्रार्थिया रत्ना मोंडल, जो वर्तमान में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के स्वस्ति वृद्धा आश्रम में रह रही हैं, ने पुलिस को लिखित शिकायत दी। शिकायत के अनुसार, रत्ना मोंडल का खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कलेक्टरेट शाखा बिलासपुर में है। उन्होंने 2.50-2.50 लाख रुपये की राशि दो फिक्स डिपॉजिट खातों में जमा की थी। महिला ने बताया कि 22 नवंबर 2024 को उनके खाते से 50 हजार रुपये की अनाधिकृत निकासी की गई, साथ ही उनके नाम से बिना सहमति इंटरनेट बैंकिंग के जरिये ओवरड्राफ्ट खाता खोलकर 4.54 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए गए। यह राशि एचडीएफसी बैंक (थंजावुर, तमिलनाडु) के खाते में हरि पार्थसारथी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (मझौरा, बिहार) के खाते में मिथुन कुमार मेहता के पास पहुंची। रत्ना मोंडल ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी इंटरनेट बैंकिंग सक्रिय नहीं की थी और बैंक रिकॉर्ड में दर्ज ई-मेल आईडी भी उनके द्वारा प्रदान नहीं की गई। इससे बैंक कर्मचारियों की लापरवाही और संभावित मिलीभगत की आशंका जताई गई है। शिकायत पर पुलिस ने एचडीएफसी खाते के धारक हरि पार्थसारथी और सेंट्रल बैंक खाते के धारक मिथुन कुमार मेहता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4)-BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ कर दी है। प्रकरण को साइबर क्राइम सेल को भी प्रेषित किया गया है।