
अभी दो दिन पहले ही कलेक्टर द्वारा मस्तूरी बीएमओ और रतनपुर चिकित्सा अधिकारी को लापरवाही बरतने पर कार्य से पृथक किया था
बिलासपुर आलोक अग्रवाल
नई सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की कोशिश कर रही है। और इसीलिए प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार सरकारी अस्पतालों के कल पेंच कस रहे हैं ।कलेक्टर के निर्देश पर सहायक कलेक्टर कुणाल दुदावत ने शनिवार सुबह जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि उस वक्त जिन डॉक्टरों को अस्पताल में मौजूद रहना चाहिए था उनमें से 8 डॉक्टर उपस्थित नहीं थे ,हालांकि है यह रोज की बात है, जो सहायक कलेक्टर की निगाह में शनिवार को आई ।डॉक्टर को ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए जाने के बाद कलेक्टर डॉ संजय अलंग ने तत्काल सभी 8 अनुपस्थित डॉक्टरों का 1 दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया है, साथ ही इन डॉक्टरों को विभागीय जांच के तहत कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा रहा है ।शनिवार को जिला अस्पताल पहुंचे सहायक कलेक्टर ने मरीजो के लिए बनने वाले भोजन की क्वालिटी और अस्पताल की साफ सफाई का भी बारीकी से निरीक्षण किया । कलेक्टर को लंबे वक्त से शिकायत मिल गई थी कि जिला अस्पताल में डॉक्टर कभी भी समय से नहीं पहुंचते जिसके बाद यह कदम उठाया गया । अपर कलेक्टर कुणाल दुदावत शनिवार सुबह करीब पौने 10 बजे जिला अस्पताल पहुंचे और हर डॉक्टर के चेंबर में जाकर उनकी उपस्थिति जांची। जो 8 डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए उनमें डॉक्टर रिचा तिवारी, डॉ अनिल गुप्ता ,डॉ प्रमोद महाजन, डॉ ए के मैंनी ,डॉक्टर के के जैसवाल ,डॉक्टर ए के कौशिक,, डॉ ए एस खान और डॉक्टर राजीव किशोर शामिल है। मरीजों के लिए बनने वाले भोजन का निरीक्षण कर उन्होंने बेहतर भोजन तैयार करने और मरीजों को सही समय पर भोजन परोसने का निर्देश दिया, वहीं उन्होंने परिसर में साफ-सफाई को भी और बेहतर करने की बात कही ।अभी दो दिन पहले ही कलेक्टर द्वारा मस्तूरी बीएमओ और रतनपुर चिकित्सा अधिकारी को लापरवाही बरतने पर कार्य से पृथक किया था, इसलिए यह माना जा रहा है कि सरकारी अस्पतालों में मौजूद भर्रा शाही को खत्म करने लगातार व्यवस्थाओं को कसा जा रहा है ,जिससे कि वह चिकित्सक जिनके के लिए सरकारी अस्पताल की सेवा खानापूर्ति है उनकी आदतों में बदलाव आए।