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दुर्ग- जिले के पुलिस को एक अज्ञात लाश आलबरस के खेत में मिलने की सूचना मिली थी, जहाँ पहुँच पुलिस ने मर्ग कायम कर जाँच शुरू की, जाँच के दौरान ही पता चला कि अर्जुन्दा थाने में 26 तारीख को रुद्र नारायण देशमुख के लापता होने की शिकायत हुई थी। गुम इंसान के दर्ज रिपोर्ट के आधार पुलिस ने खेत में मिली लाश के पास से मिले साक्ष्य को परिजनों से पहचान कराई, जिसकी पहचान परिजनों ने लापता रुद्र नारायण देशमुख के तौर पर की, पूछताछ में पता चला की रुद्र अपने जीजा पंचु के साथ मेला देखने के लिए निकला था। जिसकी लाश जली हुई हालत में खेत मे मिली थी।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
पुलिस को पड़ताल के दौरान जानकारी मिली कि पंचुराम धमतरी जिले के बोराई गाँव में है, पुलिस ने दबिश दी और पंचु को पकड़ा गया, पंचु से पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस घटना में उसका साथी धनराज नेताम भी शामिल है, पंचु ने बताया कि धनराज नेताम से उसकी दोस्ती ढाई साल पहले हुई थी, धनराज ने पैसा कमाने के लिए कहा था कि फांसी की रस्सी लाकर दोगे को तुम्हें लखपति बना दूँगा, पुलिस के मुताबिक हत्या के मामले में गिरफ्तार धनराज नेताम ने अपने मित्र पंचुराम देशमुख को फांसी की रस्सी से पूजा पाठ कर पैसा झड़ने की बात बताई थी, इस जानकारी के बाद पंचु टोना-टोटका के जरिए पैसा कमाने के चक्कर में पड़ गया, वह कई दिनों तक फांसी की रस्सी की जुगाड़ में लगा रहा, रस्सी नहीं मिलने पर उसने अपने रिश्तेदार नाबालिग साले रुद्र की हत्या की योजना बनाई।
पुलिस ने 48 घंटे में सुलझाया मामला
मामले में पुलिस ने एक सुराग हाथ लगते ही गंभीरता से जांच करते हुए 48 घंटे के भीतर सफलता हासिल कर ली और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जिससे
घटना में प्रयुक्त रस्सी, कागज अन्य समान जब्त कर लिया है।
अंधविश्वास अब भी हावी…
इस मामले ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है की क्या समाज मे आज भी अंधविश्वास की जड़े मजबूत है, जिसकी वजह से लोग नर बली जैसी बेवकूफ़ी और दकियानूसी बातों पर विश्वास करते है। तकनीकी युग मे जहाँ शिक्षा और संचार क्रांति की होड़ है वहाँ ऐसी घटनाएं बेहद ही निंदनीय है, जिसे लेकर सामाजिक जागरूकता के प्रयास आवश्यक है।