
मस्तूरी सूरज सिंह
मस्तूरी-शिक्षा के क्षेत्र में अनुसन्धान विधियों से भली भांति परिचय प्राप्त कर विधियों को सरलीकृत एवं व्यावहारिक कार्नर की दिशा में सकारात्मक कदम उठाने के उद्देश्य दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। मस्तुरी पेंड्री स्थित सांदीपनी एकेडमी के तत्वाधान में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यशाला का टॉपिक रिसर्च – मैंथोडोलाजी था। शनिवार से शुरू इस कार्यशाला के पहले सत्र में कार्यशाला का शुभारंभ भारम विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की छाया चित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया गया I जिसमे कार्यशाला की संयोजिका, सांदीपनी शिक्षा महाविद्यालय की विभागाध्यक्ष रीता सिंह ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कार्यशाला की उपद्येता और उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा की शिक्षा की गुणवत्ता को बेहत्तर करने तथा व्यव्ह्कारिक बनाने हेतु यह कार्यशाला अत्यंत कारगर सिद्ध होगी I उन्होंने बताया की इस तरह की कार्यशाला का आयोजन इस क्षेत्र पहली बार किया गया है तथा आगे भी सांदीपनी शिक्षा महाविद्यालय पेंड्री शिक्षा के आधुनिक तकनिकी विकास को सुदृढ़ करने हेतु कटिबद्ध रहेगी I उपरोक्त कार्यशाला पहले सत्र में पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजीव चौधरी ने रिसोर्स पर्सन के रूप में बेसिक स्टेटिक्स इन रिसर्च टेस्ट, सी एच आई स्क्वेयर टेस्ट कराया दुसरे सत्र में इनके द्वारा और भी कई रोचक व प्रयोग मूलक जानकारी प्रस्तुत किये गये I तीसरे सत्र के दौरान शासकीयकन्या महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. बसंत सोनवर ने कंस्ट्रक्शन ऑफ़ टूल्स विषय पर कार्यशाला सम्पादित कराया I रविवार दुसरे दिन की कार्यशाला के पहले सत्र में ग्रेसयास अभनपुर, रायपुर के प्रोफेसर डॉ. गौरी शर्मा ने अनुसन्धान एक अनिसंधानात्मक कदम विषय का परिचय प्रस्तुत किया Iइसी क्रम के द्विति सत्र में परामात्रिक्स टेस्ट गुरु घासी दास विश्व विद्यालय के प्रोफेसर डॉ. सुजीत मिश्र ने करायेI इन्ही द्वारा अंतिम सत्र में ह्य्पोथिसिस टैपेट्स आदि कराये गये I
क्या आज के युवा बदल रहे है,रिसर्च के मायने?
समाज एवं राष्ट्र के विकास के लिए निरंतर शोध जरूरी है। शैक्षणिक क्षेत्र में बौद्विक ज्ञान का विस्तार ही शोध है। शोध की प्रक्रिया में चुनौतियों को चिन्हित कर उनका समाधान निकाला जाता है। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि आज युवाओं के लिए रिसर्च के मायने बदल रहे हैं। पुराने रिसर्च पेपर्स से कट, पेस्ट, कॉपी को ही वे रिसर्च की आत्मा समझने लगे हैं। इस मायने में वर्तमान में रिसर्च की दिशा और दशा बदली हुयी नजर आती है। जिसको लेकर निरंतर सकरात्मक पहल करने की जरूरत समझी जा रही है।
कार्यशाला को सफल बनाने वक्त के रूप में पहुँचे थे जिले प्रतिष्ठित प्रोफेसर
मस्तूरी स्थित सांदीपनी एकेडमी में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में युवाओ को अहम टिप्स देने वक्त के रूप में पंडित सुन्दर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बी. जी. सिंह ग्रेसियस कालेज ऑफ़ एजुकेशन अभनपुर के डॉ. गौरी शर्मा, गुरूघासी दास विद्यालय के डॉ. सुजीत मिश्र, सांदीपनी अकादमी के चेयरमैन महेंद्र चौबे, तथा डॉ. आशुतोष शुक्ला, डॉ. अनुराग जैन, राजीव शर्मा उपस्थित रहे।
कार्यशाला को सफल बनाने इनकी सहभागिता अहम..
उक्त कार्यशाला को सफल बनाने में सांदीपनी एकेडमी के चेयरमैन महेंद्र चौबे, सलाहकार बोर्ड के महेंद्र वर्मन, दिनेश शर्मा, रुपेश शर्मा, सुनील प्रजापति, तथा संजीव साहू की गरिमामय उपस्थिति तथा सहभागिता रही I