
रमेश राजपूत

बिलासपुर- राज्य शासन के महापौर चुनाव के लिए जारी अध्यादेश को चुनौती देते हुए, याचिकाकर्ता अशोक विधानी, अशोक चावलानी एवं अन्य द्वारा याचिका दायर की गई थी, जिसमें यह कहा गया था कि शासन द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से महापौर का चुनाव करवाया जा रहा है जो विधि के विपरीत है इसलिए यह मांग की गई थी कि यह अध्यादेश आगामी चुनाव तक स्थगित किया जाए। इसके पूर्व में इन सभी याचिकाओं में महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव को स्थगित करने की प्रार्थना याचिकाकर्ता द्वारा की गई थी और यह अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव को नियम विरुद्ध बताने का प्रयास किया गया था। पूर्व में भी याचिकाकर्ता ने न्यायालय को यह बताया था कि चुनाव असंवैधानिक प्रक्रिया के तहत हो रहा है और तब भी हाईकोर्ट ने शासन के तर्क को स्वीकार करते हुए किसी तरह की स्थगन याचिका से इंकार किया था। हाईकोर्ट ने संबंधित समस्त याचिकाओं को समाप्त कर दिया है।