
डेस्क
बिलासपुर- केंद्र की मोदी सरकार के वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत बजट पूरी तरह से जन अपेक्षाओं के विपरीत है। चुनाव के समय बेरोजगारी, किसानों की आर्थिक स्थिति, व किसानों की आय दोगुनी करने की बात मंहगाई और औद्योगिक विकास के ग्रोथ को लेकर जो बातें की गयी थी उसका स्पष्ट अभाव दिखा। बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यत करते हुये ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सीपत प्रवक्ता चित्रकांत श्रीवास ने कहा कि केंद्रीय सरकार, वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट और आम नागरिकों से किए गए वायदे ‘थोथा चना बाजे घना’ जैसा ही है, इस बजट से लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे है। नौकरीपेशा लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि आयकर की छूट 5 लाख से 8 लाख तक होगी, लेकिन आंकड़ों के खेल में माहिर इस सरकार ने 30 प्रतिशत को 20 प्रतिशत तक कर राहत देने का प्रचार किया है।आगे श्रीवास ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री को छत्तीसगढ़ सरकार से सीख लेनी चाहिए थी कि किस तरह किसानों के हाथ में नगदीकरण कर उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ किया जा सकता है। रूपए 2500 प्रति क्विंटल धान की कीमत देकर छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने किसानों के साथ-साथ बजार को भी मजबूत किया, जिससे छत्तीसगढ़ में आर्थिक मंदी को रोकने में सरकार सफल रही। बजट से बेरोजगारों विषेशकर इंजीनियरिंग के स्नातक बेरोजगार बहुत ही निराश हुये है। पब्लिक सेक्टर के साथ प्रायवेट सेक्टर में भी रोजगार की उम्मीद इस बजट से दिखायी नहीं दे रही।