
कांग्रेस द्वारा दो अलग अलग तरह की बातें किए जाने से भी मुस्लिम वर्ग असमंजस में है
सत्याग्रह
केंद्र की मोदी सरकार ने लंबे जद्दोजहद के बाद सुप्रीम कोर्ट की बात मानते हुए तीन तलाक कानून को लागू करवाया। दोनों सदनों में ना चाहते हुए भी कांग्रेस इसकी खिलाफत ना कर पाई, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने दावा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो तीन तलाक कानून को खत्म कर दिया जाएगा । उनके इस बयान को मुस्लिम तुष्टीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन इससे मुस्लिम महिलाएं बुरी तरह आहत हुई है। इसी बीच केंद्रीय नेतृत्व की विचारधारा से अलग छत्तीसगढ़ सरकार ने तीन तलाक कानून को राज्य में लागू कर दिया। पंजाब सरकार के बाद ऐसा लग रहा है कि राज्य में कांग्रेस की सरकारों का अब आलाकमान से मोहभंग हो चुका है, इसीलिए वे अपने स्तर पर फैसले ले रहे हैं । छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण कानून 2019 अध्यादेश को अपने गजट में प्रकाशित किया है। दरअसल ऐसा करना उसकी मजबूरी भी है । राज्य सरकार चाह कर भी इस कानून को लागू होने से नहीं रोक सकती। राज्य और विधाई कार्य विभाग द्वारा 29 जनवरी को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया था जम्मू कश्मीर को छोड़कर यह कानून पूरे भारत में लागू होगा । तीन तलाक पर बने सख्त कानून को लागू करने से जहां मुस्लिम महिलाएं खुश है तो वही पुरुष वर्ग इससे सहमत नहीं है जिन्हें खुश करने के लिए 7 फरवरी को ही दिल्ली में कांग्रेस के अल्पसंख्यक अधिवेशन में राहुल गांधी की मौजूदगी में तीन तलाक कानून को खत्म करने की बात कही गई थी सिलचर से सांसद और ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने यह बयान दिया था कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आती है तो ट्रिपल तलाक कानून को खत्म कर दिया जाएगा ।कांग्रेस द्वारा दो अलग अलग तरह की बातें किए जाने से भी मुस्लिम वर्ग असमंजस में है