
शाहरवासियो ने सीवरेज कार्य की वजह से तकरीबन दस साल तक धूल और खस्ताहाल सडको की समस्या झेली है। ऐसे में एक बार फिर वही स्थिति बन रही है जिससे शाहवासियो में आक्रोश है

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
सीवरेज के बाद एक बार फिर से शहर की सडको को खोदने का कार्य शुरू हो गया है। अमृत मिशन योजना के तहत शहर में पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। लेकिन पाइप लाइन को व्यवस्थित ढंग से डालने के लिए सडको को अव्यवस्थित ढंग से खोदा जा रहा है जिसके कारण आवाजाही में लोगो को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
हर साल शहर में गिरते जलस्तर को देखते हुए यह जरूरी हो गया था कि शासकीय स्तर पर जमीन के नीचे से पानी का दोहन बंद हो। वही पिछले वर्ष तो शहर में यह स्थिति बन गई थी कि बारिश सही समय पर नही आती तो निगम पानी की सप्लाई शहर में नही कर पाता। यह समस्या हर साल की बन गई है। जिसे देखते हुए निगम ने शासन के पास बांध के माध्यम से पानी पीने का पानी लाने का प्रस्ताव भेजा। योजना पर विचार विमर्श होने के बाद शासन ने नगर निगम बिलासपुर को खूंटाघाट से शहर को पानी देने की योजना पर स्वीकृति प्रदान कर दी। जिसके बाद से तकरीबन तीन सौ करोड़ रुपये के अमृत मिशन को मंजूरी प्रदान की गई। लेकिन प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने की वजह से योजना को शुरू नही किया जा सका था। परंतु चुनाव सम्पन्न होने के बाद शहर में योजना को लेकर कार्य शुरू कर दिया गया है। जिसके तहत सडको को खोदकर उसमें पाइप बिछाया जा रहा है।लेकिन सडको की अव्यवस्थित खोदाई की वजह से फिर से शाहवासियो को सीवरेज जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा समय मे अमृत मिशन का कार्य व्यापार विहार और सरकंडा परिक्षेत्र की सडको पर चल रहा है। लेकिन दोनों ही क्षेत्रो की सडको की खुदाई और पाइप लाइन डालने के बाद गड्ढे को सही ढंग से पाटा नही जा रहा है। जिससे आवाजाही में लोगो को समस्या हो रही है। ऐसे में महापौर किशोर राय से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अमृत मिशन की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों को कहा गया है। वही वे स्वम् कार्य स्थल में पहुचकर कार्य का जायजा लेंगे।
गौरतलब है कि शाहवासियो ने सीवरेज कार्य की वजह से तकरीबन दस साल तक धूल और खस्ताहाल सडको की समस्या झेली है। ऐसे में एक बार फिर वही स्थिति बन रही है जिससे शाहवासियो में आक्रोश है लिहाज़ा निगम के जनप्रतिनिधि भी जनता की आवाज़ को समझ रहे है जिसके मद्देनज़र वे कार्य की सही मोनिटरिंग कराकर व्यवस्थित ढंग से कार्य कराने की बात कह रहे है।