
इसी के साथ धार्मिक नगरी रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर में चैत्र वासंती नवरात्र का यह महापर्व संपन्न हुआ

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
रविवार को महा नवमी के अवसर पर रतनपुर स्थित सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया के मंदिर में अद्भुत छटा नजर आई। यहां परंपरा का पालन करते हुए महा नवमी पर मां महामाया का राजसी श्रृंगार किया गया । दोनों नवरात्रों में महानवमी तिथि पर इसी तरह 2 किलो सोने के आभूषणों और नवीन वस्त्रों के साथ मां भगवती महामाया दाई का विशेष श्रृंगार किया जाता है । राजसी श्रृंगार के लिए मंदिर के पट करीब 2 घंटे बंद रखे गए थे। राजसी श्रृंगार युक्त मां महामाया के विशेष रूप के दर्शन करने रविवार को भी भक्त मंदिर में उमड़ पड़े। यहां करीब 60 लाख रुपए कीमत के सोने की आभूषणों की छटा देखते ही बन रही थी। इस विशेष अवसर पर मां महामाया को रानी हार, कंठ हार, मोहर हार, ढार, चंद्रहार, पटिया समेत करीब 9 प्रकार के हार धारण कराए गए। वहीं करधन ,नथ धारण कराने के पश्चात् देवी को सोने का छत्र चढ़ाया गया। राजसी श्रृंगार के बाद इस आकर्षक रूप के दर्शन के लिए पहुंचे भक्तों ने पूजा अर्चना कर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर पूजा अर्चना के पश्चात देवी मां को राजसी नैवेद्य समर्पित किया गया जिसके पश्चात कुंवारी कन्याओं के पैर धुलाकर उन्हें आसन पर बैठा कर आरती की गई । कन्या भोज कराने के साथ सभी को उपहार प्रदान किए गए।नवरात्र के अंतिम दिन धर्मशाला में ब्राह्मण भोज का भी आयोजन किया गया। कन्या और ब्राह्मण भोज के पश्चात करीब 300 ज्योति कलश रक्षकों को भोज करा कर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा प्रदान की गई। जिसके पश्चात सभी श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया। अंतिम दिवस दोपहर बाद पुजारियों द्वारा ज्योति कलश कक्ष में प्रज्वलित मनोकामना ज्योति कलश की पूजा अर्चना की गई । पूजा अर्चना के पश्चात ज्योति विसर्जित की गई।
चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन रविवार होने की वजह से यहां भक्तों की बड़ी भीड़ दर्शन के लिए पहुंची। अंतिम दिवस यहां हवन का भी आयोजन हुआ जिसमें मंत्रों के साथ भक्तों ने आहुतियां अर्पित की। इसी के साथ धार्मिक नगरी रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर में चैत्र वासंती नवरात्र का यह महापर्व संपन्न हुआ