
2008 में जब सीवेज प्रोजेक्ट शुरू हुआ तो उसकी लागत 310 करोड़ थी। काम में देरी और, डिजाइन में परिवर्तन के कारण लागत में बढ़ोतरी हुई और प्रोजेक्ट की लागत 422 करोड़ में पहुच गयी

आकाश दत्त मिश्रा
विगत 10 सालों से सीवरेज प्रोजेक्ट का दंश झेल रही बिलासपुर की जनता ने विधानसभा चुनाव में अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए तख्ता पलट तो कर दिया लेकिन अभी भी सीवरेज प्रोजेक्ट से होने वाली परेशानी यथावत बनी हुई है, 2008 से बिलासपुर की सड़कों पर शुरू हुई सीवरेज की बेतरतीब खुदाई ने पूरे बिलासपुर शहर की जनता को हलाकान करने में कोई कसर नही छोड़ी है विधानसभा चुनाव के नज़दीक आते ही इसमें कुछ महीने काम रोक दिया गया था लेकिन एक बार फिर 5 महीने के बाद सीवरेज की खुदाई जवाली नाले की बची पाइप लाइनों को जोड़ने तेलीपारा काली मंदिर क्षेत्र में शुरू किया गया है । शहर की सबसे मुख्य और व्यस्ततम मानी जाने वाली सड़क पर 20 फ़ीट गहरे गड्ढे खोदकर बेरिकेटिंग लगाई गई है गोलबाजार से पुराने बस स्टैंड और मध्यनगरी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क लगभग बन्द हो चुकी है आने जाने वाली गाड़ियों को परिवर्तित मार्ग के लिए किसी भी प्रकार के संकेतक की व्यवस्था भी नही की गई है जिसके चलते आने जाने वाले चार पहिया दो पहिया ऑटो रिक्शे सभी काली मंदिर क्षेत्र तक पहुच रहे और अव्यवस्थित ट्रेफिक का शिकार हो रहे , यातायात विभाग की गश्त टीम एकाएक इस क्षेत्र में पहुचती है और सड़कों के किनारे खड़ी गाड़ियों को व्यवस्थित कर खड़े करने का कड़े लहजे में माइक पर आदेश देते हुए अपनी औपचारिकता पूरी कर रवाना हो जाती है ,बीते शनिवार की शाम इस ट्रेफिक में निजी अस्पतालों की एम्बुलेंस को इस जाम में फंसे पाए जाने की स्थिति में स्थानीय लोगो ने जैसे तैसे ट्रेफिक से निकलने में मदद की सत्याग्रह की इस खबर के माध्यम से हम शहर वासियों को यह जानकारी देना चाहते है कि यदि आप गोलबाजार या सरकंडा क्षेत्र की तरफ अपने किसी काम के लिए निकल रहे तो तेलीपारा मुख्य मार्ग के अलावा किसी अन्य रास्ते का उपयोग करे क्योकि तेलीपारा काली मंदिर चौक पर चल रहे सीवरेज वर्क ने इस सड़क के यातायात के दबाव को 4 गुना कर दिया है। इस सड़क से यदि आप गुजरेंगे तो आपका ट्रेफिक में फसना और समय खराब होना तय है । प्रोजेक्ट अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार यह समस्या अभी आगे भी बनी रहेगी क्योकि जवाली पुल के पास की पाइप लाइने बिछानी अभी बाकी है यह खुदाई काली मंदिर चौक से गोलबाजार की तरफ बढ़ने की बात कही जा रही है । जाहिर है कि तेलीपारा को गोलबाजार से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर यातायात के साथ साथ व्यापार भी भयंकर प्रभावित होगा शहरवासियों के पासआने वाले समय मे ऐसी समस्याओं से बचने कोई दूसरा विकल्प भी नही है।
आंकड़े बताते है कि सीवरेज का कार्य 2 जोन में बांटा गया है जिसमे जोन 1 में पाइप लाइन बिछाने का कार्य लगभग 20% बाकी है।
2008 में जब सीवेज प्रोजेक्ट शुरू हुआ तो उसकी लागत 310 करोड़ थी। काम में देरी और, डिजाइन में परिवर्तन के कारण लागत में बढ़ोतरी हुई और प्रोजेक्ट की लागत 422 करोड़ में पहुच गयी । दिसंबर महीने तक की स्थिति में पाइप लाइन बिछाने के काम पर 273 करोड़ तथा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट 1 और 2 पर 37.53 करोड़, बिजली और भू आदि को मिलाकर 323 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। आज की स्थिति में प्रोजेक्ट के 82 करोड़ का काम बाकी है।