बिलासपुर

दीपावली की शुभकामनाओं सहित सुधी पाठकों के लिए कुछ विशेष….सावधानी से मनाएँ त्यौहार, स्वास्थ्य है जरूरी

भुवनेश्वर बंजारे

बिलासपुर – देश के कुछ हिस्सों में बेसक बढ़ते प्रदूषण के कारण आतिशबाजी पर रोक लगाई गई है। लेकिन इसके बावजूद पटाखों पर काबू पाना एक बड़ी चुनौती है। इस बीच कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस दीपावली पटाखे से कई तरह के दुर्घटना होने की संभवना बनी हुई है। जिसको लेकर लोगो को जागरूक रहने की जरूर है। इसमे सबसे अहम सैनिटाइजर का उपयोग से है। जानकारो का कहना है कि अगर पटाखे चला रहे हैं तो सैनिटाइजर का बिलकुल भी इस्तेमाल न करें,क्योंकि यह उनके लिए बेहद घातक साबित हो सकता है।

ऐसा इसलिए क्योंकि सैनिटाइजर ज्वलनशील होता है और पटाखे के संपर्क में आकर यह बेहद कम समय में आग पकड़ सकता है। जिससे कोई भी अनहोनी हो सकती है। गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों में कोरोना से बचाव के लिए लोग बार-बार सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह एक तरह से आदत में भी शामिल हो गया है। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल बेहतर है लेकिन पटाखे जलाने के दौरान इसका प्रयोग बड़े हादसे का कारण बन सकता है। वही आम जनता पटाखे फोड़ने के दौरान ठीक से ध्यान दे और थोड़ी सावधानी बरतें तो कई दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है। 

पटाखे के धुंवे होते है खतरनाक,, स्वास्थ्य विभाग ने इससे बचने की है अपील..

कोरोना काल मे आए दीपावली पर्व को लेकर स्वास्थ्य विभाग लोगो को पहले ही आगाह कर रही है। इस वर्ष पटाखों से निकलने वाले धुंए को लेकर और भी सावधानी बरतने की जरूरत है। क्योकि पटाखों से निकलने वाला धुआं कोरोना संक्रमितों के लिए घातक हो सकता है। इसे देखते हुए बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वह पटाखों की दिवाली की जगह दियों की दिवाली मनाएं। लोगों के सहयोग से न सिर्फ धूम्र प्रदूषण कम होगा बल्कि कोरोना संक्रमण को रोकने में भी मदद मिलेगी। डॉक्टरो का मानना है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके वे लोग जो फेफड़े और शरीर में कमजोरी तथा अस्थमा और एलर्जी से पीड़ित हैं, उनको पटाखों के धुएं से यथासंभव दूरी बनाने का प्रयास करना चाहिए, ऐसे लोगों के लिए पटाखे का धुआं बहुत खतरनाक हो सकता है। ऐसे लोगों को दिवाली की आतिशबाजी और पटाखों के धुएं से बचने की यथा संभव कोशिश करनी चाहिए।

पटाखे जलाते समय बरतें यह सावधानी

– पटाखे खुले मैदान में ही जलाएं।
– रॉकेट हमेशा उपर की ओर ही छोड़े।
– पटाखे जलाते समय सूती कपड़े ही पहनने चाहिए।
– पटाखे जलाने के दौरान पानी के साथ ही बालू-मिट्टी का इंतजाम करें।
– पटाखों में आग दूर से ही लगाएं।
– चिगारियां छोड़ने वाले पटाखों के पास नहीं जाएं।
– पटाखें जलाते समय जूते पहने।
– जो पटाखा न फूटे उसपर पानी या मिट्टी डाल दें।
– छोटे बच्चों व बुजुर्गो का भी ख्याल रखें।
– पटाखे जलाते समय बच्चो पर नजर रखे।
– पटाखे रखने के लिए अच्छी और सुरक्षित जगह को चुने। गर्दी वाले जगह पर पटाखे न जलाए।
– पटाखे छोटे बच्चो कि पहुच से दूर रखे।
– बच्चे पटाखे हाथ में रखकर न फोड़े और न ही पटाखे जलाकर किसी के ऊपर फेंक दे।

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