बिलासपुर

कोरोना UPDATE अपडेट :- जिले में 121 नए संक्रमित मरीजों की पहचान, संभाग कमिश्नर भी हुए संक्रमित उपचार जारी…संक्रमण की रफ्तार हुई तेज

भुवनेश्वर बंजारे

बिलासपुर – न्यायधानी में कोरोना रिटर्न से एकबार फिर प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है। बीते एक पखवाड़े के बाद फिर कोरोना की सेंधमारी से बुधवार को खलबली मच गई है। क्योंकि संभाग कमिश्नर डॉ संजय अलंग की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है साथ ही उनके परिवार से 26 वर्षीय मेल सदस्य भी संक्रमण की चपेट में है, जिनकी रिपोर्ट मिलते ही उपचार शुरू कर दिया गया है। वही उनके संपर्क में आने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को अब ट्रेस किया जा रहा है। आपको बता दे बुधवार को जिंले में 121 नए संक्रमितो की पहचान की गई है। जिनमे 119 मरीज बिलासपुर जिले के निवासी है। जबकि दो मरीज अन्य जिंले के निवासी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिंले में सर्वाधिक मरीज 76 मरीज शहरीय इलाको से मिले है। जबकि ग्रामीण इलाकों से 43 मरीजो को चिन्हित किया गया है। जिनके साथ अब जिंले में कुल संक्रमितो की संख्या 18040 हो गई है। बताया जा रहा है। बुधवार को डॉक्टर,मेडिकल स्टाफ,रेलवेकर्मी, हाईकोर्ट कर्मचारी, फॉरेस्ट कर्मचारी सहित अन्य कोरोना के चपेट में आए है। पॉजिटिव मरीज ग्रीन सिटी,, तेलीपारा,रतनपुर ,चकरभाठा, देवरीखुर्द ,,राजकिशोर नगर ,जयरामनगर ,,तोरवा, जोरापारा,अशोकनगर ,न्यू बस स्टैंड, साईं धाम, सिविल लाइन,, सरकंडा ,कोविड-19 हॉस्पिटल, सिम्स,रेलवे कॉलोनी ,मंगला,विद्यानगर,सिरगिट्टी, हेमू नगर,, तखतपुर, हाई कोर्ट,तेलीपारा, सीपत,सीएचसी तखतपुर ,,क्रांति नगर,, मस्तूरी,, मल्हार,सरकंडा,महिमा नगर, नेहरू नगर, अग्रसेन चौक,फॉरेस्ट कॉलोनी सहित अन्य जगहों के रहने वाले है। इधर बीते 24 घन्टो में 62 मरीजो को डिस्चार्ज किया गया है। जिनके साथ अब जिंले में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजो की संख्या 16862 हो गई है। जबकि अब भी जिंले में 899 एक्टिव मरीज है जिनका उपचार जारी है। 

जिले में मौत के मामलों में मिली आंशिक राहत,,बीते 24 घन्टो में एक भी मरीज की नही गई जान..

जिंले में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बुधवार को थोड़ी राहत मिली है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 24 घन्टो में कोरोना संक्रमित एक भी मरीज की मौत नही हुई है। हालाकि इसके बाद भी जिंले में अब तक कोरोना से मरने वाले मरीजो की संख्या 279 तक पहुँच गई है। इसके अलावा वर्त्तमान परिस्थितियों में फिलहाल जिंले में मौत के मामलों में राहत की संभावना कम ही बनी हुई है।

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