
पीडब्ल्यूडी विभाग ने बरसात से पहले यानी आगामी 2 महीने के भीतर सड़क का काम पूरा होने का दावा किया है लेकिन मौजूदा गति से लगता नहीं कि समय सीमा में यह दावा सही साबित होगा
सत्याग्रह डेस्क
पिछले 6 महीने से लोग धूल और मिट्टी, गर्द से परेशान हैं ,लेकिन इससे छुटकारा देने का कोई प्रयास पीडब्ल्यूडी की ओर से नहीं हो रहा। तोरवा गुरुनानक चौक से पुराना पावर हाउस तक बन रही सड़क बीरबल की खिचड़ी साबित हो रही है। चुनाव के दौरान रातों-रात सड़कें बन जाती है, लेकिन यहां 6 महीने में इतनी सी सड़क नहीं बन पाई। वैसे 2 साल पहले
इस सड़क को बनाया गया था लेकिन फिर बेहतर बनाने की कोशिश में आफत पैदा कर दिया गया। करीब 6 करोड़ की लागत से बन रही सड़क का ठेका साईं कंस्ट्रक्शन को मिला था, लेकिन साईं कंस्ट्रक्शन द्वारा बेहद ही घटिया तरीके से सड़क का निर्माण किया जा रहा था । बार-बार पीडब्ल्यूडी द्वारा चेतावनी के बावजूद ठेकेदार की मनमानी बंद नहीं हो रही थी। जिस वजह से अंततः विभाग ने ठेकेदार को 35 लाख रुपए का भुगतान कर बाहर का दरवाजा दिखा दिया। जिसके बाद फिर सड़क निर्माण का टेंडर लिया गया और 6 करोड़ की लागत से ठेका डीसी कंस्ट्रक्शन को दिया गया, लेकिन इससे कवायद की वजह से सड़क निर्माण का कार्य बिछड़ता चला गया। अब फिर फरवरी महीने से निर्माण कार्य शुरू हुआ है, लेकिन 4 महीने में भी सड़क निर्माण की गति में खास इजाफा नहीं हुआ।
अधूरे सड़क की वजह से यहां हर वक्त धूल और गर्द उड़ता है । जिससे लोगों का जीवन नर्क बन चुका है । घरों में रहना भी मुश्किल हो रहा है। सड़क किनारे जो दुकान बने हैं उनका कारोबार पूरी तरह ठप्प हो चुका है। सड़क के दोनों और एक 1 फीट चौड़ी नाली का निर्माण किया जा रहा है। असल पेंच यही है। सड़क किनारे बेजा कब्जा होने से नाली का निर्माण
नहीं हो पा रहा। बेजा कब्जा हटाने में पीडब्ल्यूडी विभाग के पसीने छूट रहे हैं। और नाली बने बगैर सड़क बनाने को वह तैयार नहीं। इसी कारण से यह काम अटका हुआ है ।वही गुरुनानक चौक के पास नया पुलिया भी बनाया जा रहा है इस वजह से भी सड़क निर्माण में लंबा वक्त लग रहा है। वर्तमान में बन रहे पुलिया की गुणवत्ता को लेकर भी लोगों में संदेह है। फिलहाल सड़क में एक और डामरीकरण का काम शुरू कर दिया गया है ।विभाग बरसात से पहले निर्माण कार्य पूरा करने का दावा कर रहा है । पूर्व ठेकेदार द्वारा किए गए काम का खामियाजा वर्तमान ठेकेदार को भोगना पड़ रहा है। फिलहाल दोनों और साढ़े पांच मीटर की डामरीकृत सड़क बनाई जाएगी और 1 मीटर का शोल्डर बनाया जाएगा। इसके साथ ही 1 फीट चौड़ी नाली का निर्माण भी दोनों और होगा। इसके लिए बेजा कब्जा भी आड़े आ रही है।
इन सभी अड़चनों के चलते ही यहां सड़क निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा। लोगों ने इस सड़क से गुजर ना ही बंद कर दिया है लेकिन वे लोग क्या करें जो गुरुनानक चौक से लेकर पुराना पावर हाउस चौक के बीच रहते हैं ।उनके लिए यह सड़क जी का जंजाल बन चुकी है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने बरसात से पहले यानी आगामी 2 महीने के भीतर सड़क का काम पूरा होने का दावा किया है लेकिन मौजूदा गति से लगता नहीं कि समय सीमा में यह दावा सही साबित होगा।