बलरामपुर

नाबालिग से गैंगरेप की वारदात, छेड़छाड़ की घटना के बाद दरिंदों का दुस्साहस…. मुँह दबाकर घसीटते ले गए नदी तक, फिर की हैवानियत

रमेश राजपूत

बलरामपुर – जिले में एक बार फिर मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई है जिसमे  नाबालिगों ने 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक बच्ची को अगवा कर उससे गैंगरेप किया। 12 वर्षीय नाबालिग अपनी बड़ी बहन के साथ देर रात एक शादी कार्यक्रम से लौट रही थी। इसी दौरान 6 नाबालिगों ने उनका रास्ता रोक लिया। आरोपी छोटी बहन का मुंह दबाकर डेढ़ किमी घसीट कर ले गए और सामूहिक दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर फिर से रेप की धमकी दी। मामले में FIR दर्ज होने के बाद सभी आरोपियों को पकड़ लिया गया है। मामला कुसमी थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, स्थानीय गांव में रहने वाली दो बहनें एक शादी समारोह में शामिल होने के बाद रात करीब 3.30 बजे घर लौट रही थीं। अभी वे घर से करीब 200 मीटर दूर पहुंची थी कि पहले से छिपे 6 किशोरों ने उनका रास्ता रोक लिया। इसके बाद दोनों बहनों को जबरदस्ती खींच कर ले जाने लगे। बड़ी बहन ने शोर मचाया तो दो आरोपियों ने उसे पकड़ लिया। जबकि 4 आरोपी छोटी बहन को घसीट कर ले गए। और नदी किनारे दो आरोपियों ने उससे दुष्कर्म किया और दो पहरा दे रहे थे।

घटना के बाद से सदमे में बच्ची
दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने धमकी दी कि बताने पर फिर वह ऐसा करेंगे। वहीं बड़ी बहन से दो आरोपियों ने रेप का प्रयास किया तो उसने शोर मचाया। इस पर पड़ोस में रहने वाले दंपति बाहर निकले और टार्च जलाई। इस पर आरोपी उसे भी छोड़कर भाग गए। वहीं बड़ी बहन घर पहुंची और परिजनों को घटना के बारे में बताया। इसके बाद सभी बाइक लेकर छोटी बच्ची की तलाश करने के लिए निकले तो वह नदी किनारे बेहोश पड़ी मिली। घटना के बाद से बच्ची सदमे में है वह न सोती है और न घर वालों से बात कर रही है। इससे पहले 22 जून को भी कुछ लड़कों ने एक लड़की से रेप का प्रयास किया था। लड़की अपनी सहेलियों के साथ शादी से रात 12 बजे पैदल लौट रही थी। तभी 5 लड़कों ने उनका पीछा किया। अंधेरे में एक ने हाथ पकड़ा और मुंह दबाने की कोशिश की। इस पर लड़की चिल्लाई, लेकिन डीजे बजने के कारण किसी को सुनाई नहीं दिया। इसके बाद किसी तरह लड़की उससे हाथ छुड़ाकर सहेलियों के साथ भाग निकली। हालांकि डर के चलते उसने किसी को नहीं बताया। जब परिजनों को पता चला तो उन्होंने रिपोर्ट नहीं कराई।

पहले मामले में परिजन केस करते तो नहीं होती घटना

वहीं पीड़ित बच्ची के चाचा ने कहा कि 22 जून को गांव में हुई लड़की के साथ घटना को उसके परिजन बदनामी के डर से छिपा गए। इससे आरोपियों का मनोबल और बढ़ गया। इसलिए इस घटना को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि अगर पहले मामले में आरोपियों के खिलाफ लड़की के परिजन थाने में FIR करा देते तो आरोपी जेल में होते। इससे मेरी भतीजी के साथ ऐसी घटना नहीं होती। आरोपियों को भी उनके किए की सजा मिलती। उनकी लापरवाही घटना का कारण बन गई।

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