कोरबा

उपेक्षित केंदई जलप्रपात से निराश पर्यटक, नई सरकार से उम्मीद संवारे केंदई फॉल

अगर इसे एक टूरिस्ट पैकेज की तरह संवारा जाए तो कोई वजह नहीं कि लोग यहां खिंचे न चले जाएं

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य

छत्तीसगढ़ प्राकृतिक रूप से बेहद समृद्ध है लेकिन अफसोस की बात यह है कि प्रदेश में कभी भी पर्यटन को उद्योग नहीं माना और इसीलिए यहां के पर्यटन केंद्र हमेशा से उपेक्षित रहे हैं। कोरबा जिले के गांव मोरगा में स्थित केंदई जलप्रपात इसका जीता जागता उदाहरण है। घने साल और सागौन के जंगल के बीच मौजूद यह जलप्रपात दुनिया भर में विख्यात हो सकता था लेकिन यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई कि पर्यटक यहां तक पहुंचे । यहां प्राकृतिक कुंड से निकला पानी करीब 8 किलोमीटर चलकर 200 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। बरसात के मौसम में ही झरना अपने पूरे शबाब पर होता है। ऊंचाई से गिरता पानी दूध की तरह सफेद और बेहद आकर्षके जान पड़ता है। स्थानीय लोगों में केंदई जलप्रपात को लेकर आकर्षण है और वे ही यहां घूमने आते हैं ,लेकिन अब पर्यटकों की संख्या लगातार कम हो रही है। दरअसल यहां पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से कुछ भी विकसित नहीं किया गया है । एक समय यहां उद्यान, मंडप के साथ रैलिंग्स बनाए गए थे, लेकिन देखभाल ना होने से सब कुछ उजड़ चुका है। उद्यान उजड़ कर सूख चुके हैं ,रैलिंग्स टूट फूट गए हैं या फिर लोग उन्हें उखाड़ कर ले गए। मंडप टूटे-फूटे हैं। बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। वहीं पानी की निरंतरता ना होने से झरना भी दम तोड़ता नजर आ रहा है। एनीकट पर पानी रोक लिया गया है। जिस वजह से झरने में बहुत कम पानी गिरता है ।साल में कुछ एक मौके पर ही यहां पर्यटक पहुंचते हैं लेकिन यहां की दशा देखकर वे भी निराश हो जाते हैं।

प्रदेश में नई सरकार आने के बाद उम्मीदे आसमान पर है। लोग अपेक्षा कर रहे हैं कि नयी सरकार प्रदेश के पर्यटन केंद्रों को फिर से संवारेगी। केंदई का यह जलप्रपात भी उनमें से एक हो सकता है ।

बिलासपुर और कोरबा जिले से पर्यटक यहां बड़ी संख्या में पहुंच सकते हैं ,अगर इस स्थान को पर्यटकों के लिए बेहतर बनाया जाए। बेहद आकर्षक झरना, आसपास पहाड़ी चट्टान, बांध का पानी और जंगल । सब कुछ मिलाकर केंदई जलप्रपात के आसपास के इलाके को बेहद मनमोहक बनाते है ।कुदरत ने यहां नैसर्गिक सुंदरता उड़ेल दी है, लेकिन हम इंसान ही इसे सवार नहीं पाए। अगर केंदई जलप्रपात के इस इलाके को संवारा जाए तो फिर यह भी देश के पर्यटन मानचित्र पर गर्व से अंकित हो सकता है। मोरगा के आसपास और भी कई स्पॉट मौजूद है जहां भी पर्यटक जाते हैं ।अगर इसे एक टूरिस्ट पैकेज की तरह संवारा जाए तो कोई वजह नहीं कि लोग यहां खिंचे न चले जाएं।

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