सत्याग्रह डेस्क
तोरवा गुरुनानक चौक पर मौजूद गहरे नाले में गुरुवार शाम को एक गाय गिर गई । इस नाले में रेलवे क्षेत्र का पानी बड़ी मात्रा में आता है। इन दिनों पड़ रही तेज गर्मी की वजह से शायद पानी की तलाश में गाय नाले तक पहुंची और और पानी पीने की कोशिश में गहरे नाले में जा डूबी । इस चौक के व्यापारियों की नजर नाली में डूबते गाय पर पड़ी और उन्होंने अपने स्तर पर उसे बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद भी वे गाय को बाहर निकालने में कामयाब नहीं हो पाए, जिसके बाद यहां लोगों की भीड़ लगती चली गई।
जब इंसानी कोशिश से गाय बाहर नहीं निकल पायी तो लोगों ने एक क्रेन भी मंगा लिया और क्रेन से गाय को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिशें तेज हो गई । गुरुवार शाम को गुरुनानक चौक के नजारे यह बताने को काफी थे कि अभी भी इंसानियत जिंदा है और एक गाय की जिंदगी बचाना भी लोगों के लिए महत्व रखता है । यहां बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने अपनी सूझबूझ और इच्छाशक्ति से आखिरकार गाय को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
हिंदू शास्त्र में गाय को मां का दर्जा दिया जाता है, हिंदू परंपराओं में हर उस चीज की पूजा की जाती है, जिसका उसके जीवन पर अहसान है। हमें पेड़ों से ऑक्सीजन मिलता है इसलिए पेड़ों की पूजा की जाती है। सूर्य और चंद्रमा से रोशनी मिलती है इसलिए उन्हें भी देवता माना जाता है ।नदियों से पानी मिलता है इसलिए नदियां भी यहां पवित्र और पूजनीय है। वही गाय से अमृत रूपी दूध मिलता है जिससे बच्चे का पोषण होता है। शायद इसीलिए गाय को माता माना जाता है, इसीलिए जब एक मां नाले में गिर पड़ी तो बच्चों से उनकी तकलीफ नहीं देखी गई और सब ने गाय को सुरक्षित बाहर निकाल कर ही दम लिया।