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बिलासपुर से मस्तूरी, रायगढ़ जाने वाली सड़क पर बड़ी बाधक रही लाल खदान रेलवे फाटक को अब हमेशा के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है। 15 जून से लाल खदान रेलवे फाटक पूर्ण रूप से बंद हो जाएगा। व्यस्त इस व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की भारी आवाजाही है, लेकिन लाल खदान में रेलवे क्रॉसिंग होने की वजह से वाहनों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। लंबे वक्त से यहां रेलवे ओवरब्रिज की मांग हो रही थी 6 वर्ष पहले रेलवे ओवरब्रिज की घोषणा हुई तो फिर उस पुल को 20 महीने में बन जाना था , लेकिन पुल के बनने में 6 साल लग गए। इतना ही नहीं शुरुआती लागत 20 करोड़ रुपए थी जो बढ़ते बढ़ते 32 करोड रुपए तक जा पहुंची है ।आखिरकार लाल खदान रेलवे फाटक पर आर ओ बी बनकर तैयार हो गया है। पिछले दिनों इसके डामरीकरण का काम भी पूरा कर लिया गया वैसे करीब एक पखवाड़े से इस पर से अनौपचारिक रूप से आवाजाही भी शुरू हो चुकी है। भले ही इसका विधिवत लोकार्पण न हुआ हो , मगर लोग इस पर से आना जाना कर रहे हैं। इसे देखते हुए रेलवे यह निर्णय लिया है। बिलासपुर गतौरा स्टेशन के मध्य स्थित मानव स्हित समपार फाटक संख्या 364 लाल खदान को अब सामान्य यातायात के लिए 15 जून से पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। यहां 818.07 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा पुल पूरी तरह तैयार है । इसके लोकार्पण का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है। जल्द ही तिथि की घोषणा की जाएगी। पुल के औपचारिक लोकार्पण से पहले ही रेलवे ने समपार फाटक को बंद करने का निर्णय लिया है।