
पुलिस भी इन दोनों की गिरफ्तारी और कार्यवाही को जिस तरह छुपाने का प्रयास कर रही है उससे भी कई सवाल उठ रहे हैं

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
क्रिकेट प्रेमियों को जिस तरह पूरे वर्ष भर इंडियन प्रीमियर लीग की प्रतीक्षा होती है, उसी तरह सट्टा खेलने और खिलाने वालों को भी इस ताबड़तोड़ क्रिकेट प्रतियोगिता का बेसब्री से इंतजार रहता है । इस दौरान अरबों खरबों का सट्टा हर साल लगता है । हर बार पुलिस कार्यवाही करती है लेकिन कमजोर कानून की वजह से इस पर नकेल कसना मुमकिन नहीं हो पा रहा। इस बार भी आईपीएल शुरू होने के दूसरे दिन ही बिलासपुर में सट्टेबाजों को पकड़ने का खाता खुलने लगा है। बिलासपुर में कई कुख्यात खाईवाल है जिन पर पुलिस कार्यवाही का भी कोई असर नहीं होता । एक बार फिर ऐसे ही खाईवाल सक्रिय हो चुके हैं। रविवार को आईपीएल के दो मैच खेले जा रहे थे । कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के साथ मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के मैच पर सट्टा खिलाते दो खाई वालों को साइबर सेल की टीम ने सरकंडा तीर्थानि गली से धर दबोचा।जो मोबाइल की मदद से ऑनलाइन सट्टा खिला रहे थे। इस कार्यवाही ने सीपत सरकंडा में रहने वाले अंकित बुधरानी और तोरवा निवासी दीपक खेमनानी को सायबर सेल ने गिरफ्तार किया है । जिन्हें सरकंडा पुलिस के हवाले कर दिया गया।बताया जा रहा है कि दोनों करीब 10 लाख का सट्टा खिला रहे थे लेकिन मौके पर उनके पास से 18,100 रुपये जप्त किए गए। यह दोनों बिलासपुर के कुख्यात खाईवाल है और हर साल आईपीएल के दौरान सक्रिय हो जाते हैं। वहीं इनके पकड़े जाने के बाद इनको छुड़ाने के लिए थाने के फोन घनघनाने लगे। थाने के बाहर छुट भइया नेताओं के सिफारिश लेकर पहुँचने का सिलसिला भी शुरू हो गया। जिनमें अधिकांश कांग्रेस के नेता थे । एक सट्टा खिलाने वाले के लिए नेताओं की यह हमदर्दी आम आदमी के समझ से परे है । एक तरफ यही नेता शहर में कानून व्यवस्था बिगड़ने की दुहाई देते हैं और पुलिस जब किसी अपराधी को पकड़ती है तो यही लोग उनकी पैरवी करने थाने पहुंच जाते हैं। वैसे पुलिस भी इन दोनों की गिरफ्तारी और कार्यवाही को जिस तरह छुपाने का प्रयास कर रही है उससे भी कई सवाल उठ रहे हैं।