
रमेश राजपूत
बिलासपुर – सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को ईलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी ईलाज के दौरान मौत हो गई, हॉस्पिटल प्रबंधन ने बिना पीएम कराए और न ही पुलिस को सूचना दिए बगैर शव को परिजनों को सौप दिया और परिजनों ने अनजाने में मृतक का अंतिम संस्कार भी कर दिया, लेकिन इस बीच परिजनों को पता चला कि मृतक के पेट में लगभग 4 इंच का चीरा लगा था, जिससे उन्हें आशंका है कि जिस अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, वहाँ ऑपरेशन के दौरान उनकी किडनी निकाल ली गई है, मामले में मृतक के परिजनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कब्र से लाश निकालकर पोस्टमार्टम कराने की मांग की है। जिन्होंने बिलासपुर के प्रथम हॉस्पिटल के डॉक्टर रजनीश पांडेय पर गंभीर आरोप लगाए है।

शिकायत में सोन लोहर्सी निवासी सोमदास मानिकपुरी ने बताया है कि उसके पिता का एक्सीडेंट होने पर उन्हे प्रथम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनका ऑपरेशन किया गया और दुसरे ही दिन लंबा बिल वसूलकर पिता का मृत शरीर दे दिया गया। आरोप है की अंतिम संस्कार के अंतिम स्नान के वक्त परिजनों ने पिता के पेट के बगल में चार इंच का चीरा लगा होना पाया। जिससे आशंका है की मृतक के शरीर से किडनी निकाला गया है। ग़ौरतलब है कि 14 अप्रैल को सोमदास के पिता और भाई उसके शादी का कार्ड बांटने निकले थें, सावरिया डेरा (सोन) के पास दूसरी तरफ से आ रही तेज रफ्तार स्कार्पियो CG 11 BG 4271 ने पिता पुत्र की गाड़ी को ठोकर मार दिया। जिससे पिता धरम दास के सर पर गंभीर चोट आई और भाई का पैर टूट गया।

जानकारी मिलते ही उन्हे तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। पर गंभीर चोट को देखते हुए वहां से उन्हे बिलासपुर रेफर कर दिया गया। सोमदास का कहना है की उसने पिता और भाई को स्वास्तिक हॉस्पिटल में भर्ती करवाया पर उचित ईलाज न मिलने के कारण दोनो को उसी रात प्रथम हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। 15 अप्रैल से पिता और भाई का ईलाज प्रथम हॉस्पिटल में चल रहा था, जिसका हर रोज़ बिल भरना पड़ रहा था। 21 अप्रैल को प्रथम हॉस्पिटल के डॉक्टर रजनीश ने बताया की उनके पिता की मृत्यु हो गई है और आप बकाया बिल भरकर शव ले जाओ। सोमदास ने ईलाज का दस्तावेज मांगा और शव के पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर से कहा,पर डॉक्टर ने न तो ईलाज के दस्तावेज दिए और ना ही पोस्टमार्टम किया।

मृतक के बेटे के अनुसार अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान हल्दी लगाते वक्त पिता के पेट के बगल में करीब चार इंच चीरे का निशान था। जिसे कई लोगों ने देखा पर शोकाकुल होने और कम पढ़े लिखे होने की वजह से उस वक्त इस चीरे पर ध्यान नहीं नही दे पाए और अंतिम संस्कार कर दिया गया। बाद में जब ध्यान आया तब पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने गए पर वहां मामला दर्ज नही किया गया। इससे परेशान सोमदास मानिकपुरी और उसके परिवार के लोगों ने एसपी और कलेक्टर को लिखित में शिकायत कर शव को कब्र से निकालकर पीएम कराने और दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाई करने की मांग की है।
बिना पोस्टमार्टम कराए सौप दिया गया शव….

पीड़ित ने बताया कि जब उन्होंने पीएम के लिए हॉस्पिटल में बोला था तो वहाँ से सूचना दे दिए जाने का हवाला देते हुए शव सौप दिया गया था और दस्तावेजों में दस्तख़त करा लिए गए थे, लेकिन जब वह मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए थाने पहुँचे तो उन्होंने बताया कि हमारे पास हॉस्पिटल से कोई सूचना नही आई है और न ही पोस्टमार्टम हुआ है। तब उन्हें हॉस्पिटल की करतूत का पता चला, लिहाज़ा उन्होंने शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की है।