
रतनपुर में कांग्रेस नेता के आरा मिल में उनके ही कर्मचारी द्वारा खुदकुशी कर लेने की घटना चर्चा में है
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
जिंदगी है तो उसके साथ तमाम तरह के दर्द भी है लेकिन कभी-कभी इंसान दर्द और परेशानी से इस कदर तंग आ जाता है कि उसके पास मौत को चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। कुछ ऐसी ही कहानी है कपूरचंद झारिया की। गुरुवार को कपूरचंद झारिया ने अपने कमरे में फांसी लगा ली। महाराजपुर मंडला का रहने वाला 50 वर्षीय कपूरचंद झारिया करीब 5 साल पहले काम की तलाश में रतनपुर पहुंचा था, यहां उसकी पहचान रतनपुर के कांग्रेस नेता सुभाष अग्रवाल के आरा मिल में काम करने वाले कर्मचारियों से हुआ, जिन्होंने बाद में उसे आरा मिल में बतौर मिस्त्री काम पर लगा दिया । तब से वह अब तक सुभाष अग्रवाल के आरा मिल में ही काम कर रहा था। इसी दौरान उसके पेट में रह रह कर तेज दर्द उठा करता था । यह परेशानी इतनी बढ़ गई कि उसकी तीमारदारी के लिए उसके परिजन भी उसके सर्वेंट क्वार्टर में आकर रहने लगे। पिछले कुछ दिनों से भी उसे तेज पेट दर्द हो रहा था जिसके चलते वह पिछले 8 दिनों से काम पर भी नहीं जा रहा था। कुछ दिन पहले उसकी देखभाल करने वाले परिजन जरूरी काम से अपने गांव चले गए थे और कपूर चंद कमरे में अकेला था। इसी दौरान एक बार फिर पेट में तेज दर्द उठा तो, वह दवाई खा कर अपने कमरे में आराम करने चला गया । उसके साथी कर्मचारियों ने दोपहर 2:00 बजे के आसपास उसे आखिरी बार देखा था। शाम 6:00 बजे जब साथी कर्मचारी लेबर क्वार्टर पहुंचे उन्होंने देखा कि कपूर चंद ने कमरे के पंखे के साथ गमछा लगाकर फांसी लगा ली है। इसकी सूचना उन्होंने तत्काल सुभाष अग्रवाल को दी। घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस नेआरा मिल मालिक और कांग्रेस नेता सुभाष अग्रवाल और उनके परिजनों से करीब घंटे भर पूछताछ की । पुलिस ने घटना की जमकारी जुटाने के लिए लिए आरा मिल के कर्मचारियों से भी पूछताछ की। वहीँ रात हो जाने की वजह से कमरे में ताला लगा दिया गया था। शुक्रवार को पुलिस वापस पहुंची और पंचनामा, बयान कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रतनपुर में कांग्रेस नेता के आरा मिल में उनके ही कर्मचारी द्वारा खुदकुशी कर लेने की घटना चर्चा में है।