रमेश राजपूत
गरियाबंद – जंगल में वन्य जीवों का शिकार अब भी बेखौफ होकर किया जा रहा है, ऐसे ही एक मामले को पकड़ने में गरियाबंद पुलिस को सफलता मिली है,क्षेत्र के ग्राम बारूला पैरी नदी पुल का है। जिला गरियाबंद के उमनि एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम काम्बले के दिशा-निर्देश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रेश सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन तथा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस गरियाबंद पुष्पेन्द्र नायक के पर्यवेक्षण में समस्त थाना प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र में अवैध रूप से शराब, गांजा, हीरा तथा बहुमुल्य जीव जन्तुओं के तस्करी पर रोक लगाने तथा वैधानिक कार्यवाही करने हेतु निर्देश किये थे साथ ही साथ क्षेत्र में विशेष पेट्रोलिंग हेतु स्पेशल टीम को भी भ्रमण करने के निर्देश दिये थे।
इसी कड़ी में 11.04.2023 को सिटी कोतवाली गरियाबंद एवं स्पेशल टीम के द्वारा संयुक्त रूप से भ्रमण के दौरान मुखबीर से सूचना मिली कि तीन व्यक्ति अवैध रूप से संरक्षित वन्य जीव तेन्दुआ के खाल को बिक्री करने के लिए ग्राहक की तलाश करते हुए बारूला पैरी नदी के पार घुम रहे हैं । उक्त सूचना के आधार पर टीम द्वारा रेड कार्यवाही कर तीनों संदेहियों से नाम पता पुछने पर अपना अपना नाम महेत्तर राम ठाकुर, धनसिंग नेताम, लेखराम साहू बताये जिसके बाद मौके पर पुछताछ करने पर अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताये कि महेत्तर राम ठाकुर ने तेन्दुआ को खेत में किटनाशक जहर देकर मारना तथा अन्य साथी धनसिंग नेताम व लेखराम साहू के साथ मिलकर खाल को निकालकर नमक डालकर सुखाना, दांत, नाखुन, मुंछ व अस्थिपंजर को जलाकर नष्ट करने की बात बताये
तथा खाल को एक सफेद बोरी में मोड़कर धनसिंग नेताम और लेखराम साहू के साथ पैरी नदी बारूला पुल नीचे छुपाकर रखने की जानकारी दिये । गवाहों की उपस्थिति में नियमानुसार कार्यवाही करते हुए आरोपियों के पेश करने पर मौके पर ही एक नग तेन्दुआ का खाल, एक नग लोहे का टंगिया तथा एक नग लोहे की छुरी को जप्त कर सीलबंद किया गया। आरोपियों के खिलाफ धारा 9, 39 ( 2 ) ( 3 ), 49 (ए), 49 (बी), 50, 51 भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, धारा 3 लोक सम्पत्ती का नुकासानी का निवारण अधिनियम 1984 तथा धारा 120-बी भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायिक रिमाण्ड में भेज दिया गया है।