
विधानसभा चुनाव के बाद हो रहे पहले और लोकसभा चुनाव से पहले के आखिरी इस सामान्य सभा के हंगामा खेज रहने की उम्मीद की जा रही है

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार होने वाली बिलासपुर नगर निगम की सामान्य सभा में परिस्थितियां बदल चुकी है । पहले सत्ताधारी भाजपा के पार्षदों की भंगिमा अलग हुआ करती थी लेकिन इस बार राज्य में कांग्रेस की सरकार होने से बहुमत वाले भाजपा पार्षद दल की यही कोशिश होगी कि किसी तरह विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार से अधिक से अधिक फंड मांग कर उन्हें मुश्किल में डाला जाए। वहीं हर मुद्दे पर रोडा अटकाने वाले कांग्रेस पार्षदों की कार्यशैली भी इस बार शायद बदल सकती है, क्योंकि राज्य में उनकी सरकार है इसलिए विकास के कार्यों में रोड़ा अटकाना उन्हें महंगा पड़ सकता है। नगर निगम की सामान्य सभा में इस बार प्रश्नकाल के दौरान पार्षदों को प्रश्न करने का अवसर मिलेगा, इसके लिए लाटरी पद्धति से पार्षदों का चयन किया गया है। शनिवार को प्रश्नकाल में सबसे पहले भागीरथी यादव को प्रश्न करने का अवसर मिलेगा । इस बार नगर निगम की सामान्य सभा में अधिकांश एजेंडा सामाजिक सुरक्षा और पेंशन योजनाओं से संबंधित है। वहीं अन्य विषयों को भी शामिल किया गया है, लेकिन बहुमत के आधार पर इस बार भी सभी प्रस्ताव पारित होने की उम्मीद है। यहां पूरा फोकस प्रश्नकाल पर ही होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सभी पार्षद अपने सवाल प्रश्नकाल में कर पाते हैं या नहीं ,और उनके सवालों का जवाब महापौर किस तरह दे पाते हैं । सामान्य सभा की इस बैठक में बजट भी रखा जाएगा । उम्मीद की जा रही है कि शहर में जारी विकास कार्यों के अलावा सीवरेज, मिशन अमृत योजना , मच्छरों की भारी संख्या और जल संकट से निपटने की तैयारियों पर महापौर को घेरने की कोशिश होगी। कांग्रेसी पार्षद शुक्रवार को दिन भर रणनीति बनाते रहे, कोशिश यही होगी कि 1 घंटे के प्रश्न काल में अधिक से अधिक सवाल पूछ कर महापौर को मुश्किल में डाला जाए। कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव के बाद हो रहे पहले और लोकसभा चुनाव से पहले के आखिरी इस सामान्य सभा के हंगामा खेज रहने की उम्मीद की जा रही है।