
देवेंद्र निराला
जांजगीर चाम्पा– इन दिनों पुलिस विभाग में ट्रांसफर मजाक का खेल बन गया है। ट्रांसफर की सूचि जारी होने के बाद भी कुछ दिन बाद ट्रांसफर फिर से रुक जा रहा है जिससे क्षेत्रों में अवैध कारोबार का खेल जारी है। जांजगीर जिले के हसौद थाना में पदस्थ आरक्षक सेतराम पटेल बेच नम्बर 645 को हसौद थाने से लाईन में पदस्थ किया गया था , लेकिन एक महीने से भी ज्यादा समय हो जाने के बाद भी अभी तक हसौद थाने से रिलीव नही हुआ है। ट्रांसफर हो जाने के बाद भी आरक्षक सेतराम पटेल हसौद थाने में ही जमे हुए हैं। इस तरह से पुलिस विभाग में तबादला नीति को ठेंगा दिखाया जा रहा है, सिपाही को अभी तक कार्यमुक्त नही किया जा समझ से परे है जिससे पुलिस विभाग पर सवाल उठने लगे है।
थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार , अवैध कारोबार में अंकुश लगाने और कामकाज में पारदर्शिता लाने के मकसद से तबादला नीति बनाई गई, जिसके तहत जिले में बहुत दिनों से जमे हुए कर्मचारियों को स्थानांतरण किया गया था। जबकि हसौद थाना में पदस्थ आरक्षक सेतराम पटेल की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उसे लाईन भेजा गया था। विडम्बना यह है कि एक आरक्षक हसौद थाना छोड़ने के लिए तैयार नही है जिससे स्पष्ट होता है कि पुलिस के अधिकारी सिपाही का साथ देते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस तरह से पुलिस की तबादला नीति केवल नीति बनकर रह गई है।