
उमलेश जायसवाल
बेलतरा – एक तरफ छत्तीसागढ़ सरकार शिक्षा को लेकर गंभीर है जो क्षेत्र के जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत लाखों खर्च कर रही है। वही शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की कमी से गांवों में शिक्षा के नाम पर नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तो दूर की बात हर दिन क्लास में पढ़ाई तक नहीं होती। बिल्हा ब्लाक के लिम्हा संकुल के अंतर्गत ग्राम भदरापारा में स्थित प्रा,शा,स्कूल में कक्षा पहली से लेकर पाँचवी तक कुल 31 छात्रों को पढ़ाने के लिए एक मात्र शिक्षक कार्यरत हैं।जानकारी के अनुसार अभी वर्तमान में जो प्रधान पाठक है वे पिछले 16 सालों से अकेले पढ़ा रहे वे, इस स्कूल में 31 छात्रों को पढ़ाने के लिए 2014 एक सहायक शिक्षक की नियुक्ति हुई थी जो पहले 2 साल मेडिकल लीव, ट्रेनिंग और बीपीईडी में छुट्टी लेकर रहें, फिर 2016 से अब तक सहायक शिक्षक शेखर दत्त साहू को बीईओ ऑफिस अटैच कर दिया गया। तब से फिर एक ही शिक्षक इस स्कूल को चला रहें हैं । साथ में बीएलओ का काम भी देख रहे है । भदरापारा स्कूल के अटैच किये गये ये वही सहायक शिक्षक शेखर दत्त साहू है जो अभी बिलासपुर SDM कार्यालय नकल निकलवाने के लिए पैसों की मांग पर सुर्खियों में है।शिक्षक की कमी जहां स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त होने की विभागीय दावों की पोल खोल रही है, वहीं इकलौता शिक्षक के बीमार होने या विभागीय काम से बाहर जाने या अन्य कार्यों से विद्यालय में नहीं होने की स्थिति में स्कूल बंद हो जाता है। उससे स्कूली बच्चों की पढ़ाई बाधित हो जाती है। स्कूल में पढ़ाई की यह स्थिति पिछले 16 सालों से है। स्कूल में बतौर प्रधान पाठक चंद्र शेखर मरकाम कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि छात्रों के पठन-पाठन में हो रही परेशानी को देखते हुए विभाग से अन्य शिक्षकों के प्रतिनियोजन को लेकर कई बार संकुल समन्वयक को पत्र भेजकर मांग की। उसके बाद भी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई। बच्चों को पठन-पाठन में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । हर क्लास में रूटीन के अनुसार एक साथ नहीं पढ़ाया जा सकता है। एक वर्ग के बच्चों को दैनिक पाठ्यक्रम के कार्य देकर दूसरे वर्ग में क्लास लेना पड़ता है। साथ ही स्कूल में शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेवारी बाल सांसद को भी दिया जाता है।लिम्हा संकुल समन्वयक पुन्नी दास मानिकपुरी ने बताया कि भदरापारा स्कूल के लिए हमने कई बार बीईओ आफिस में शिक्षक वापसी के लिए पत्राचार किये परन्तु आज तक अटैच किये गये शिक्षक की वापसी नही की गई।बिल्हा बीईओ रघुवीर राठौर से इस सम्बन्ध में जानकरी के लिए कई बार फोन किया गया पर उन्होंने फोन रिसीव ही नही किया।