
सिम्स में आगजनी घटना के बाद बच्चों की मौत से सिर्फ सिम्स ही नहीं बल्कि उन अस्पतालों की साख दाव पर थी जहां बच्चों का इलाज चल रहा था
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
22 जनवरी को सिम्स में लगी आग के बाद एनआईसीयू में भर्ती 22 बच्चों की हिफाजत के लिए उन्हें जिला अस्पताल समेत शहर के कुछ अस्पतालों में शिफ्ट किया गया था। इन्हीं में 8 बच्चों को व्यापार विहार रोड पर मौजूद महादेव हॉस्पिटल में भी भर्ती किया गया था जिनमें से एक बच्चे की संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी ।कुल 7 बच्चों का उसके बाद इलाज जारी था जिनमें से 4 बच्चों को स्वस्थ होने के बाद शुक्रवार को छुट्टी दे दी गई थी । दो बच्चों का इलाज सामान्य तरीके से किया जा रहा था जबकि एक बच्चे की हालत अपेक्षाकृत गंभीर बताई जा रही थी, लेकिन रविवार होते होते सभी बच्चों की स्थिति ऐसी हो गई कि उन्हें उनकी मांओं के गोद के हवाले किया जा सके। इसके बाद तीनों बच्चों की छुट्टी कर दी गई
एक बच्चे की मौत के बाद 7 बच्चों को नई जिंदगी देकर महादेव अस्पताल उम्मीद पर खरा उतरा है। डॉ आशुतोष तिवारी ने बताया कि सामान्यता एनआईसीयू में भर्ती बच्चों में हर 10 में से 3 बच्चों की मौत सामान्य बात है इस लिहाज से मौजूदा आंकड़े को बेहतर माना जा सकता है। इस घटना के बाद बच्चों की मौत से सिर्फ सिम्स ही नहीं बल्कि उन अस्पतालों की साख दाव पर थी जहां बच्चों का इलाज चल रहा था। कम से कम महादेव अस्पताल तो अपनी साख बचाने में कामयाब रहा है ,वहीं उन माँओ की खुशी संभाले नहीं संभल रही जिनकी की गोद में उनके बच्चों को सौंपा गया है।