रमेश राजपूत
बिलासपुर – ब्लड और पुस्तक डोनेट करना दोनों एक समान है। हम जरूरतमंद को ब्लड देकर उसकी जान बचा सकते हैं। उसी प्रकार पुस्तक बांट कर हम ज्ञान बांट सकते हैं। ये बातें कलेक्टर अवनीश शरण ने शनिवार को ईदगाह चौक स्थित डीपी चौबे प्रेस ट्रस्ट भवन में आयोजित लाइब्रेरी के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से कहीं। रायपुर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बिलासपुर प्रेस क्लब को लाइब्रेरी स्थापना के लिए पहल करते हुए ज्ञानवर्धक कई पुस्तकें उपलब्ध कराई हैं। मुख्य अतिथि कलेक्टर शरण ने कहा कि पत्रकार को हमेशा निर्भिक होना चाहिए, निष्पक्ष नहीं। उन्होंने कहा कि जब एक पत्रकार समाज के अंतिम व्यक्ति को सामने रखकर खबर लिखता है और उसे न्याय मिलती है, तो बहुत ही खुशी होती है। इस अवसर पर उन्होंने अपने पत्रकार पिता के बारे में भी बातें साझा की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बिलासपुर नगर निगम के आयुक्त अमित कुमार ने कहा कि हम इंटरनेट के माध्यम से कई जानकारी ले सकते हैं, परंतु एक किताब से मिलने वाले ज्ञान से हमेशा वंचित रहेंगे। जो जानकारी हमें किताबों से मिलती है, वो जानकारी हमें इंटरनेट में भी नहीं मिल पाती। उन्होंने बिलासपुर प्रेस क्लब के कार्यों की सराहना की और लाइब्रेरी को बढ़ाने के लिए हर संभव मदद देने की बात कही। कार्यक्रम की अति विशिष्ट अतिथि प्रभारी एसपी अर्चना झा ने कहा कि पत्रकार देश का चौथा स्तंभ है, जिसे आप लोगों ने साक्ष्य किया है। आज यहां लाइब्रेरी सहित ई-लाइब्रेरी का लोकार्पण किया जा रहा है, जिससे निश्चित ही लोगों को कुछ सीखने को मिलेगा। तरह-तरह के ज्ञान पुस्तकों के माध्यम से मिलेंगे। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली ने कहा कि आप सभी के सहयोग से यह संभव हुआ है, जिसका श्रेय हमारे जिले के एसएसपी को जाता है जो अब राजधानी में अपनी सेवाए दे रहे हैं।उनके मार्गदर्शन से ही यह संभव हो सका है।
दैनिक भास्कर के संपादक हर्ष पांडेय ने कहा कि अब तक ट्रस्ट भवन का उपयोग चुनाव के लिए होते आया है। यहां सियासत चली है। आज ये खुशी की बात है कि अब यहां लाइब्रेरी की स्थापना हो रही है। नईदुनिया के संपादक डॉ. सुनील गुप्ता ने किताबें पढ़ने के लिए जोर देते हुए कहा कि पठन-पाठन के अभाव में ही अब प्रेस जैसे संस्थानों में नए लोगों को बड़ी जिम्मेदारी नहीं दे पाते हैं। इसके लिए किताबें पढ़ना जरूरी है। पत्रिका के संपादक जयंत कुमार सिंह ने भी विशेषकर पत्रकारों के लिए किताबे पढ़ना जरूरी क्यों है, इस पर अपनी बात रखी। हरिभूमि के संपादक प्रवीण शुक्ला ने प्रेस क्लब भवन में लाइब्रेरी बनाने के लिए प्रेस ट्रस्ट के मैनेजिग ट्रस्टी अशोक अग्रवाल के साथ पहले किए गए विचार-विमर्श को साझा किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रेस ट्रस्ट के मैनेजिग ट्रस्टी अशोक अग्रवाल ने कहा कि लाइब्रेरी की यह योजना दस से बारह साल पुरानी है। इसके लिए आलमारियां भी खरीद चुके थे मगर किसी कारणवश वह पूरा नहीं हो पाया था। उन्होंने आगे की योजना बताते हुए कहा कि प्रेस ट्रस्ट भवन में एक कमरा और है लोगों का सहयोग मिले, तो यूपीएससी व पीएससी के छात्र-छात्राओं को जो बाहर में ज्यादा पैसे देकर लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें बहुत कम पैसे में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने लाइब्रेरी की इस नई पहल की सराहना करते हुए हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया।कार्यक्रम का संचालन करते हुए इवनिंग टाइम के संपादक नथमल शर्मा ने अज्ञेय तो कभी गुलजार का जिक्र किया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को बिलासपुर और यहां की पत्रकारिता की तासीर के कई उदाहरण दिए। अंत में सभी अतिथियों ने मिलकर नई लाइब्रेरी का लोकार्पण किया। कार्यकम में प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष संजीव पांडेय, सचिव दिलीप यादव, कोषाध्यक्ष प्रतीक वासनिक, सह सचिव दिलीप जगवानी, कार्यकारिणी सदस्य गोपीनाथ डे सहित ट्रस्ट सदस्य व बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।